नई दिल्ली। रविवार को बड़ी खबर आई है, 16 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर कई राज्यों में कार्रवाई शुरू हो गई है। कर्नाटक, केरल, मध्य-प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई और राज्यों में इस सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
महाराष्ट्र में महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कोल्ड्रिफ सिरप बैच संख्या SR 13 की बिक्री, वितरण और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। जिन लोगों के पास यह सिरप है, उन्हें इसकी सूचना औषधि नियंत्रण अधिकारियों को देने का निर्देश दिया गया है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 11, बैतूल में 2 और राजस्थान में 3 बच्चों की मौत के बाद कई राज्यों ने इस दवा पर फिलहाल प्रतिबंध लगा दिया है। डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम को सील किया गया है और मेडिकल स्टोर्स को इसे न बेचने का निर्देश दिया गया है।
राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में इस दवा की बिक्री पर बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा कई राज्यों में इसकी जांच चल रही है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा “हम रिपोर्ट मंगा रहे हैं। अगर कफ सिरप दूषित पाया गया तो निश्चित रूप से हम उस पर प्रतिबंध लगाएंगे।” केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ‘जानलेवा’ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत होने को देखते हुए छह राज्यों में खांसी की दवा, ‘एंटीपाइरेटिक्स’ और एंटीबायोटिक समेत 19 दवाओं की विनिर्माण इकाइयों में जोखिम आधारित निरीक्षण शुरू किया है।
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में विभिन्न दवाओं के नमूने जमा कर जांच कर रही है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कफ सिरप की गुणवत्ता और तर्कसंगत उपयोग पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता भी की।
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत के बाद बैतूल जिले के आमला प्रखंड में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि कथित तौर पर इसी कफ सिरप को पीने से दो बच्चों की जान गई है।
इस बीच बैतूल के जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने साफ किया है कि दोनों बच्चों का इलाज बैतूल जिले के किसी भी शासकीय या निजी अस्पताल में नहीं हुआ है। जिले में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री भी नहीं पाई गई है।
उन्होंने कहा ‘‘दोनों बच्चों को बुखार के इलाज के लिए पड़ोसी छिंदवाड़ा जिले के परासिया ले जाया गया, जहां उनकी हालत बिगड़ गई। अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि मौतें सिरप की वजह से हुई हैं या नहीं।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6 फीसदी डायएथेनॉल पाया गया है। कफ सिरप में इसकी मात्रा 0.1 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। दरअसल, यह एक प्रतिबंधित रसायन है, जो जहरीला होता है।
इसका असर किडनी पर होता है। बच्चों की मौत मामले में दावा किया जा रहा है कि कफ सिरप पीने से बच्चों की किडनी फेल हो गई। जिस कारण उनकी मौत हुई।
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