पलामू। टेट से संबंधित सर्वोच्च अदालत के हालिया आदेश से उत्पन्न परिस्थितियों के समाधान के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। इस क्रम में पलामू उपायुक्त को भी ज्ञापन समर्पित किया गया।
ज्ञापन में बताया गया है कि शिक्षकों की नौकरी हुए 31 साल हो गये। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित दो परीक्षाओं में पीटी और मेन्स उत्तीर्ण कर मेधा क्रमानुसार चयनित होकर पढ़ा रहे हैं। एनसीटीई की गाइडलाइंस के मुताबिक 2010 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर टेट अप्रभावी है। ऐसी परिस्थिति में पुराने शिक्षकों के लिए टेट की परीक्षा में शामिल होना नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है।
अतः शिक्षा संघ सूची के साथ राज्य सूची अर्थात समवर्ती सूची के अंतर्गत है। अदालत के इस आदेश से राज्य के 35000 शिक्षक प्रभावित हैं। व्यापक शिक्षा व शिक्षक हित में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है, ताकि शिक्षकों की अस्मिता की रक्षा हो।
ज्ञापन देनेवालों में जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार दूबे, महासचिव अमरेश कुमार सिंह, वरीय उपाध्यक्ष रामानुज प्रसाद, नंद किशोर राम, संगठन सचिव राजीव रंजन पांडेय, संयुक्त सचिव विनय मांझी, जिला कार्यकारिणी के सदस्यों में नागेंद्र प्रसाद, उदय सिंह, नवनीत कुमार सुंदरम सहित सभी प्रखंडों के अध्यक्ष, सचिव उपस्थित थे।
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