
नई दिल्ली। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक हुई, इसमें आम लोगों की जेब से जुड़े कई अहम एलान किए गए।
इसके साथ ही जीएसटी काउंसिल ने प्रस्तावित दो-स्तरीय 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत स्लैब को मंजूरी दे दी है। वहीं, 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब हटा दिए गए हैं। आइए दैनिक भारत 24. कॉम के माध्यम से सिलसिलेवार जानते हैं कि क्या फैसले हुए हैं।
जूते और परिधान अब होंगे सस्ते
जीएसटी काउंसिल ने बुधवार को 2,500 रुपये तक की कीमत वाले फुटवियर एवं परिधानों को पांच प्रतिशत कर के स्लैब में रखने का निर्णय लिया। अभी तक केवल 1,000 रुपये तक की कीमत वाले जूते-चप्पल एवं परिधान पर ही पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, जबकि इससे अधिक कीमत वाले उत्पादों पर 12 प्रतिशत कर लगाया जाता था। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित मामलों में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय जीएसटी परिषद में लिए गए इस फैसले के बाद 2,500 रुपये तक के फुटवियर और परिधान अब सस्ते हो जाएंगे।
जानें ये महत्वपूर्ण निर्णय
- बैठक में 12 और 28 प्रतिशत वाले कर स्लैब को खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है। इन दोनों श्रेणियों के अधिकांश उत्पादों को क्रमशः पांच और 18 प्रतिशत के स्लैब में स्थानांतरित किया जाएगा। इस कदम से उपभोक्ताओं को सीधे तौर पर राहत मिलने के साथ ही परिधान एवं फुटवियर उद्योग को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
- जीएसटी काउंसिल ने छोटे व्यवसायों को राहत देने के लिए कई सुधारों को मंजूरी दे दी है, जिसमें गैर-जोखिम वाले व्यवसायों के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को तीन दिन तक कम करना, पूर्व-भरे रिटर्न के प्रस्ताव पर काम करना शामिल है। इसके अलावा कपड़ा, रसायन, उर्वरक और फार्मा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों के लिए सात दिन में रिफंड देना शामिल है।
- इस बीच, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रस्तावित जीएसटी सुधारों से केंद्र शासित प्रदेश के राजस्व में 10 से 12 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे वित्तीय संकट और बढ़ सकता है, क्योंकि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद राज्य का राजस्व कम हो गया है।
- विपक्ष शासित राज्यों ने मांग की है कि जीएसटी पुनर्गठन के कार्यान्वयन के बाद सभी राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाए। ये राज्य हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल थे।
- झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि अगर केंद्र का जीएसटी सुधार प्रस्ताव लागू होता है, तो उनके राज्य को 2,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर केंद्र हमें होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए सहमत हो जाता है, तो उन्हें इस एजेंडे को मंजूरी देने में कोई दिक्कत नहीं है।
यहां बताते चलें कि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया।
यहां सीधे पढ़ें अन्य खबरें
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूब वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्य खबरें भी पढ़ सकते हैं।
आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स सहित अन्य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्दी न्यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।
हमारे साथ इस लिंक से जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK