- स्व. महतो का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा की अद्वितीय गाथा : गंगवार
बोकारो। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार झारखंड आंदोलन के महानायक एवं समाज सुधारक स्व. बिनोद बिहारी महतो की जयंती पर बिनोद बिहारी महतो विस्थापित स्टेडियम, रामडीह मोड़, चंदनकियारी रोड, बोकारो में आयोजित ‘पुष्पांजलि सभा’ में 23 सितंबर को शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बिनोद बिहारी महतो का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा की अद्वितीय गाथा है। उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए जीवनपर्यन्त कार्य किया। वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों को आवाज़ देने का कार्य किया।
राज्यपाल ने कहा कि स्व० महतो ने शिक्षा को समाज की असली शक्ति माना और युवाओं को “पढ़ो और लड़ो” का प्रेरक संदेश दिया। यही कारण है कि उनकी विचारधारा आज भी युवा पीढ़ी के लिए पथ-प्रदर्शक है। राज्यपाल ने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में उनके नाम पर बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय स्थापित है, जहाँ हाल ही में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि वे 1989 में लोकसभा पहुंचे। उसके बाद लगातर बरेली से आठ बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया। 1991 में बिनोद बिहारी महतो हमारे साथी के रूप में लोकसभा में रहे। जब पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में झारखंड का सृजन हुआ तो उस समय भी वे लोकसभा के सदस्य थे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने राज्यवासियों को नवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं। कहा कि यह पर्व सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक है।
राज्यपाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
राज्यपाल ने नागरिकों से आह्वान किया कि झारखंड को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक न्याय का आदर्श राज्य बनाने का संकल्प लें, यही स्व० बिनोद बिहारी महतो को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
राज्यपाल ने इससे पूर्व वहां स्थापित बिनोद बिहारी महतो की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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