रांची। एंटी रैगिंग सप्ताह के अवसर पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा महाविद्यालय में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पशु चिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉ एमके गुप्त, वार्डन डॉ अरविंद कुमार शर्मा और उप वार्डन डॉ अर्पणा ने रैगिंग के दुष्प्रभावों के बारे में चर्चा करते हुए ऐसे कृत्य में किसी प्रकार की सलंग्नता से बचने का परामर्श विद्यार्थियों को दिया।

वक्ताओं ने कहा कि रैगिंग से पीड़ित विद्यार्थी मानसिक और भावात्मक रूप से कमजोर हो जाता है। इससे उसके एकेडमिक प्रदर्शन पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ता ही है शिक्षण संस्थान की छवि पर भी आंच जाती है।
इसलिए रैगिंग में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं के प्रति यूजीसी और सर्वोच्च न्यायालय का बहुत कड़ा रुख है। भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत रैगिंग करने वालों को बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
इस अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रैगिंग में किसी प्रकार की भागीदारी नहीं करने का संकल्प दिलाया गया। जागरुकता कार्यक्रम में डॉ आफताब आदिल, डॉ बसंत कुमार, डॉ शैलेंद्र कुमार रजक, डॉ सुनीता कुमारी मुर्मू तथा डॉ मधुरेन्द्र कुमार बचन शामिल थे।
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