
चाईबासा। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद रहे दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर मंगलवार को कांग्रेस भवन में शोकसभा का आयोजन किया गया। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने की।
श्री दास ने कहा कि दिशोम गुरु केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि आदिवासी चेतना के संवाहक थे। उन्होंने जीवन भर झारखंडी समाज और उसकी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उनका निधन ना केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष देवेन्द्र नाथ चांपिया ने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन केवल झारखंड राज्य निर्माण के स्तंभ नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी समाज की अस्मिता, अधिकारों और न्याय की बुलंद आवाज़ थे। उनका संपूर्ण जीवन संघर्ष, सेवा और सिद्धांतों की प्रेरक मिसाल रहा। वे हमेशा झारखंड की आत्मा में जीवित रहेंगे।
जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने कहा कि संघर्ष और आंदोलन के पर्याय दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन एक युग का अंत होने के समान है। झारखंड ने एक सर्वमान्य मूर्धन्य नेता खो दिया है, यह ना सिर्फ झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति नहीं अपितु यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है। झारखंड आंदोलन के प्रणेता गुरु जी के संघर्ष और आंदोलन सदैव एक-एक झारखंड वासियों के दिलों में विधमान रहेंगे।
कांग्रेसियों ने दिशोम गुरु के संघर्षमय जीवन, झारखंड आंदोलन में उनके योगदान तथा सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए उनके प्रयासों को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।
मौके पर कांग्रेस जिला महासचिव लियोनार्ड बोदरा, अशोक बारीक, सचिव जानबी कुदादा, नगर अध्यक्ष मो.सलीम, प्रखंड अध्यक्ष सिकुर गोप, शिक्षा विभाग चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पान, सोशल मिडया चेयरमैन रवि कच्छप, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रीतम बांकिरा, नगर अध्यक्ष राहुल दास, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अनीष गोप, वरीय कांग्रेसी अजित कांडेयांग, संतोष सिन्हा, जुम्बल सुंडी, राजेन्द्र कच्छप, ललित कर्ण, नगर उपाध्यक्ष सुभाष राम तुरी, महासचिव बिट्टू सिंह, मो.शहजादा, मंडल अध्यक्ष परमोहन नायक, सदस्य विक्रमादित्य सुंडी, आलोक मजुमदार, दीपक सामल, कार्यालय सचिव सुशील दास आदि मौजूद थे।
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