- स्वदेशी ज्ञान परंपरा से सीख लेकर उनमें प्रबंधन कुशलता को बढ़ावा देने की जरूरत : प्रो श्रीवास्तव
रांची। आईआईएम, रांची में चल रहे तीन दिवसीय मैनेजमेंट कॉन्क्लेव 2025 का समापन हुआ। कार्यक्रम में देश-विदेश के उद्योग व प्रबंधक विशेषज्ञों ने अपनी उपस्थित दर्ज की। विशेषज्ञों ने वर्तमान परिदृश्य में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, डेटा एनालिटिक्स, नेतृत्वकौशल पर अपने अनुभव और विचार दिये। साथ ही तकनीकी बदलाव के साथ कार्यस्थल के बदलते स्वरूप में ढलने और मौजूदा परिस्थिति की चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी कौशल को बढ़ाने की प्रेरणा दी।
संस्थान के निदेशक प्रो. दीपक श्रीवास्तव ने प्रबंधन सम्मेलन के महत्व को रेखांकित किया। कहा कि वैश्विक चुनौतियों से अवगत करने के लिए इस तरह के आयोजन जरूरी है। कक्षा में पढ़ाये गये सिद्धांत और अनुभवी विशेषज्ञों के दृष्टिकोण से खुद में नवाचार को जन्म देना जरूरी है। उन्होंने भारत की स्वदेशी ज्ञान परंपरा और आदिवासियों की सामुदायिक जीवनशैली से संसाधनों एवं आजीविका के लिए तलाशे गये रास्तों से सीख लेने की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि सह वक्ता निश्चल खोराना (एसोसिएट पार्टनर – ग्लोबल सह मैनेजिंग डायरेक्टर – साउथ एशिया, फ्रॉस्ट एंड सुलिवन) ने एआई ट्रेंड्स और आईसीटी इंडस्ट्री में उभरते अवसरों पर अपनी बातें रखी। कहा कि अनुभव और विचारों से नयी सोच विकसित होती है। एआई आज के दौर की उभरती हुई शक्ति है, जो आज मुख्यधारा का हिस्सा बन चुकी है।
श्री खोराना ने एप्लाइड एआई, एज एआई और स्मॉल लैग्वेज मॉडल्स पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि एआई के विकास से नौकरियां खत्म नहीं होगी, बल्कि व्यक्ति को तकनीकी दक्षताओं और ज्ञान को लगातार बढ़ावा देना होगा, ताकि भविष्य की मांग की अनुरूप बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
सम्मेलन के दौरान प्रीतम भारद्धाज (सीनियर डायरेक्टर – डेटा एनालिटिक्स, टारगेट) ने रिटेल इंडस्ट्री में डेटा के व्यवहारिक इस्तेमाल की जानकारी दी। कहा कि डेटा मूल्य निर्धारण, सप्लाई चेन और ग्राहक अनुभव में निर्णायक भूमिका अदा करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को पाइथन, आर और क्लाउड-बेस्ड प्लेटफॉर्म जैसे टूल्स में दक्षता हासिल करने की सलाह दी।
देबांश रॉय (वाइस प्रेसिडेंट सह हेड-पीपल इंडिया, अलायंसबर्नस्टीन) ने दबाव की स्थिति में नेतृत्व कौशल से काम को सरल बनाने की बात कही। पैनल चर्चा में वम्शी कुमार (वरीय प्रबंधक, पेप्सिको), रोक्कम (प्रबंधक, प्रोडक्ट मार्केटिंग – हेल्थ क्लाउड, सेल्सफोर्स) और निपुण बंसल (वाइस प्रेसिडेंट – स्ट्रैटेजी, टभ्बीओ डॉट कॉम) शामिल हुए। वक्ताओं ने कॉर्पोरेट कल्चर में नेटवर्किंग, कार्य स्थल अनुभव और तकनीकी रूप से कौशल को विकासित करने का सुझाव दिया।
परिचर्चा सत्र में ऋतु शर्मा (ब्रिलियो की ग्लोबल हेड – टीए ऑपरेशंस) ने डिजिटल युग में मानव संसाधन की भूमिका और टैलेंट मैनेजमेंट में बदलाव की संभावनाओं को रेखांकित किया। उन्होंने डिजिटल साक्षरता और भावनात्मक बुद्धिमता से महत्वपूर्ण निर्णय लेने की बात कही।
दूसरे सत्र में देबज्योति भट्टाचार्य (हेड-एचआर स्ट्रैटेजी, मदरसन ग्रुप) ने प्रबंधन कौशल से अनिश्चितताओं का समाधान तलाशने पर अपना विचार दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी दक्षता और कार्यक्षेत्र के लिए जरूरी ज्ञान को लगार बढ़ाने की प्ररेणा दी।
समापन सत्र के पैनल चर्चा में बतौर अतिथि वक्ता संकल्व रघुवंशी (जेनरल मैनेजर – कॉर्पोरेट स्ट्रैटेजी, टाइम्स इंटरनेट) और श्री अभिषेक झा (इंडस्ट्री मैनेजर – स्ट्रिमिंग, गेमिंग एंड टेक्नोलरॅजी, स्नैपचैट) शामिल हुए। रघुवंशीन ने असफलता से प्रेरणा लेकर लगातार आगे बढ़ने और इसमें नवाचार को प्राथमिकता देने की बात कही। अभिषेक झा ने इ-कॉमर्स क्षेत्र के असफल प्रयोगों से मिली सीख को अपनी सफलता का मार्ग बताया।
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