
- कार्तिक उरांव कॉलेज ऑडिटोरियम में एक हजार से अधिक लोग आए
- कार्यक्रम में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत विशेषज्ञों ने की सहभागिता
- फेक न्यूज़, ऑनलाइन ठगी, फर्जी वेबसाइट जैसे मुद्दों पर हुई गहन चर्चा
गणपत लाल चौरसिया
गुमला। कार्तिक उरांव कॉलेज ऑडिटोरियम में जिला प्रशासन ने ‘डिजिटल रक्षा पाठशाला’ नामक विशेष जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन 23 जुलाई को किया। इसका उद्देश्य वर्तमान डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों, ऑनलाइन ठगी, फर्जी वेबसाइट, फेक न्यूज और डिजिटल धोखाधड़ी से आम नागरिकों को सुरक्षित रखना है। इस आयोजन की पहल उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने की थी।
कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित एवं पुलिस अधीक्षक हारिश बिन ज़मां, उप विकास आयुक्त गुमला दिलेश्वर महत्तो, अपर समाहर्ता गुमला शशिंद्र कुमार बड़ाईक सहित पैनल मेंबर ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में जिले भर से लगभग 1000 से अधिक नागरिकों ने हिस्सा लिया। इनमें स्कूली छात्र-छात्राएं, पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षक, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य, वीएलई, समाज कल्याण विभाग के कर्मी एवं डिजिटल सेवा से जुड़े लोग उपस्थित रहे।
उपायुक्त ने साझा किया अपना अनुभव
उपायुक्त ने कहा कि डिजिटल साक्षरता को जन-जागरुकता से जोड़ना समय की आवश्यकता है। जन शिकायतों में कई लोग ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार होकर आते हैं। उनसे जुड़ी कानूनी प्रक्रिया बहुत जटिल और लंबी होती है। उन्होंने कहा कि “जैसे बीमारियों से बचने के लिए सतर्कता आवश्यक होती है, उसी तरह साइबर अपराधों से बचने के लिए भी सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।”
टिकट बुकिंग का मिला था फर्जी लिंक
उपायुक्त ने बताया कि उन्हें भी एक बार तत्काल टिकट बुकिंग के नाम पर फर्जी लिंक प्राप्त हुआ था, जिस पर क्लिक करने से उनका डिवाइस हैक हो सकता था। उन्होंने कहा कि “फेक न्यूज भी एक प्रकार का साइबर अपराध है। यह समाज में भ्रम फैलाता है और कई बार लोगों को मानसिक व सामाजिक नुकसान पहुंचाता है।”
विशेषज्ञ पैनल से मिला ठोस मार्गदर्शन
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों के पैनल में शुभांगी शिफा (असिस्टेंट मैनेजर एंड ट्रेनी, साइबर पीस) देशबंधु मिश्रा (गूगल डेवलपर ग्रुप, रांची), विवेक सिंह (आईटी मैनेजर एंड सीईओ) और सुनील कुजूर (प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, साइबर पीस) शामिल थे। सभी ने सरल भाषा में साइबर सुरक्षा से जुड़ी जटिल विषयों को आम नागरिकों के सामने रखा।
विशेषज्ञों ने बचाव की दी ये सलाह
शुभांगी शिफा ने बताया कि नागरिक साइबर अपराध की शिकायतें सीधे नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर कर सकते हैं। उन्होंने अपने संगठन का संपर्क नंबर 9570000066 भी साझा किया, ताकि जरूरत पड़ने पर लोग सीधे विशेषज्ञों से संपर्क कर सकें।
देशबंधु मिश्रा ने फेक वेबसाइट की पहचान, ओटीपी फ्रॉड, फर्जी लिंक व फेक मैसेज से कैसे बचें, इस पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे बहुत सारी फर्जी वेबसाइटें मूल वेबसाइटों की हूबहू नकल बनाकर लोगों को ठगने का काम करती हैं।
विवेक सिंह ने लोगों को लाइव डेमो के माध्यम से दिखाया कि अगर कोई साइबर फ्रॉड हो जाए, तो ऑनलाइन शिकायत कैसे की जाती है।
सुनील कुजूर ने बताया कि लोग किस प्रकार अपने सोशल मीडिया व मोबाइल व्यवहार के आधार पर धोखाधड़ी का शिकार बनते हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने मोबाइल को शिक्षक के रूप में लें और उसमें जो सामग्री देखें, उस पर खुद नियंत्रण रखें।
अब इस विधि से भी हो रही धोखाधड़ी
पुलिस अधीक्षक हारिश बिन ज़मां ने बताया कि साइबर अपराधी अब केवल ओटीपी ही नहीं, बल्कि लिंक, वॉयस सैंपल और फोटो तक का उपयोग कर धोखाधड़ी करते हैं। उन्होंने नागरिकों से कहा कि आपके डेटा की सुरक्षा आपके हाथ में है। कोई भी संदेहास्पद कॉल, मैसेज या लिंक मिलने पर तुरंत नजदीकी थाना में सूचना दें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
पाठशाला सिर्फ जागरुकता का माध्यम नहीं
अपर समाहर्ता गुमला ने कार्यक्रम की सोच पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “डिजिटल रक्षा पाठशाला सिर्फ जागरुकता का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने की एक गंभीर कोशिश है।” उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम गुमला जिले में पहली बार इस पैमाने पर आयोजित किया गया है।
इंटरैक्टिव सेशन और साझा अनुभव
कार्यक्रम के अंत में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में कई नागरिकों ने अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड के अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। यह सत्र काफी उपयोगी और संवादात्मक रहा, यहां साइबर क्राइम से जुड़े। कई वीडियो का भी फुटेज दिखाते हुए नागरिकों को जागरूक किया गया।
बचाव के लिए अपनाएं ये सावधानियां
- अज्ञात लिंक या वेबसाइट पर क्लिक नहीं करें। यह आपके मोबाइल या कंप्यूटर को हैक कर सकता है।
- ओटीपी, पासवर्ड या बैंक संबंधी जानकारी किसी से साझा नहीं करें। चाहे वह स्वयं को बैंक कर्मचारी ही क्यों न बताए।
- फर्जी कॉल या व्हाट्सएप मैसेज में लॉटरी, इनाम या फ्री ऑफर की बातों पर विश्वास नहीं करें।
- सोशल मीडिया पर साझा की गई हर जानकारी सत्य नहीं होती। फेक न्यूज को आगे न बढ़ाएं। पहले पुष्टि करें।
- अपने पासवर्ड को नियमित रूप से बदलें। मजबूत पासवर्ड रखें, जिसमें अक्षर, अंक और विशेष चिन्ह हों।
- अपने फोन या डिवाइस में ‘नॉट इंटरेस्टेड’ जैसे विकल्प चुनें, ताकि अनावश्यक कंटेंट न आए।
- साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
उपलब्ध हेल्पलाइन नंबर
- गुमला साइबर सेल : 7909098129
- साइबर पीस हेल्पलाइन : 9570000066
- राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल : www.cybercrime.gov.in
- आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर : 1930
इस दौरान मंच संचालन डीएमएफटी फेलो अविनाश पाठक ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में राजीव रौशन सहित जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक,जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला खेल पदाधिकारी एवं जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, ईडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका रही।
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