विद्यार्थियों ने जानी मछलियों को कृत्रिम तरीके से प्रजनन कराने की तकनीक

झारखंड
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  • मात्स्यिकी विज्ञान महाविद्यालय के छात्रों का प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण

गुमला। मात्स्यकी विज्ञान महाविद्यालय के सत्र 2022–26 के छात्रों ने रांची स्थित मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र में मत्स्य प्रजनन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह 3 से 5 जुलाई, 2025 तक चला। कार्यक्रम महाविद्यालय के सह-अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह के मार्गदर्शन में सहायक प्राध्यापक डॉ. के.एस. विस्डम ने आयोजित।

प्रशिक्षण के दौरान छात्रों ने नर एवं मादा मछलियों को हार्मोन इंजेक्ट कर कृत्रिम तरीके से प्रजनन कराने का अनुभव प्राप्त किया। विद्यार्थियों ने मत्स्य बीज उत्पादन की विभिन्न तकनीकों को व्यवहारिक रूप से सीखा, जिससे उनके तकनीकी कौशल में वृद्धि हुई।

प्रशिक्षण के बाद 6 जुलाई को छात्रों ने प्रमुख प्रशिक्षक  (मत्स्य किसान प्रशिक्षण केंद्र) प्रशांत कुमार दीपक के निर्देशन में पतरातू जलाशय और बुर्कुंडा परित्यक्त कोयला खदान जलाशय का शैक्षणिक भ्रमण किया। भ्रमण का उद्देश्य अंतर्स्थलीय जल निकायों में पिंजरे में मछली पालन की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करना था।

पतरातू जलाशय में भ्रमण के दौरान छात्रों ने पिंजरे की संरचना, प्रजातियों का चयन, आहार प्रबंधन और जलाशयों में पिंजरे में मछली पालन की आर्थिक पहलुओं पर गहन जानकारी प्राप्त की।

बुर्कुंडा के परित्यक्त कोयला खदान जलाशय के भ्रमण के दौरान रामगढ़ जिले के मत्स्य विस्तार पदाधिकारी प्रमोद ने छात्रों को अपरंपरागत जल संसाधनों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अपनाई जा रही नवीन और अनुकूलनीय रणनीतियों से अवगत कराया।

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