आरपीएफ ने यूपी के युवाओं को झारखंड में एक लाख रुपये के गांजे के साथ पकड़ा

झारखंड अपराध
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रांची। नशीले पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी रोकथाम के लिए झारखंड स्थित मुरी रेलवे स्टेशन पर सघन चेकिंग अभियान दो जुलाई को चलाया गया। यह अभियान आरपीएफ कमांडेंट पवन कुमार के निर्देश पर इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व और फ्लाइंग टीम, रांची के सहयोग से संचालित किया गया।

ट्रेन संख्या 15027 सम्बलपुर–गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर पहुंची। कोच संख्या बीई-1 में जांच के दौरान दो व्यक्तियों को भारी स्काई-ब्लू रंग के ट्रॉली बैग के साथ संदिग्ध अवस्था में बैठे पाया गया। पूछताछ करने पर उनकी पहचान आजाद कुमार (उम्र 23 वर्ष, पिता मेवा लाल, निवासी सोनबरसा, पोस्ट बलापार, थाना चिलुआटार, जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) और अविनाश चौहान (उम्र 19 वर्ष, पिता स्व. राजकुमार चौहान, निवासी इंदरसना इंटर कॉलेज, सोनबरसा, पोस्ट बलापार, थाना चिलुआटार, जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई।

बैग में सामान के बारे में पूछने पर दोनों संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। संदेह के आधार पर उन्हें प्लेटफॉर्म पर ही रोका गया। यहां उन्होंने स्वीकार किया कि ट्रॉली बैग में प्लास्टिक में लिपटा गांजा रखा है। इसकी सूचना तुरंत एएससी, आरपीएफ, रांची को दी गई, जो मौके पर पहुंचे।

एएसआई मनतु कुमार जयसवाल द्वारा वैधानिक प्रक्रिया के तहत बैग की तलाशी ली गई। इसमें एक पैकेट गांजा बरामद हुआ। एएससी/आरपीएफ/रांची के निर्देश पर डीडी किट टेस्ट किया गया, जिसमें गांजा होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पैकेट को पार्सल कार्यालय, मुरी में तौला गया। इसका वजन 10 किलोग्राम पाया गया।

दोनों आरोपियों के पास गांजे के वैध दस्तावेज नहीं होने के कारण एनडीपीएस अधिनियम 1985 की धाराओं के तहत गांजा और अन्य सामान एएसआई मनतु कुमार जयसवाल द्वारा एएससी/आरपीएफ/रांची एवं उपस्थित गवाहों की मौजूदगी में जब्त किया गया।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राहुल निषाद नामक व्यक्ति इस अवैध कारोबार में सक्रिय है। उन्हीं के निर्देश पर यह गांजा सम्भलपुर से लाकर गोरखपुर तक पहुंचाया जा रहा था। उन्होंने राहुल निषाद के साथ 27 जून,2025 को सम्भलपुर में गांजा खरीदा था, जिसे पैक करके ट्रॉली बैग में रखा गया। ट्रेन यात्रा के लिए टिकट भी उपलब्ध कराया गया।

सभी कानूनी औपचारिकताओं के उपरांत दोनों आरोपियों और जब्त माल को 3 जुलाई, 2025 को जीआरपीएस, मुरी के सुपुर्द कर दिया गया। इस संबंध में जीआरपीएस, मुरी ने 3 जुलाई को धारा 20(बी) (ii )(बी)/29 एनडीपीएस अधिनियम 1985 के अंतर्गत केस दर्ज किया है। बरामद गांजे की अनुमानित बाजार कीमत एक लाख रुपये आंकी गई है।

इस कार्य में इंस्पेक्टर संजीव कुमार, एसआई बसंत मलिक, एएसआई मनतु कुमार जयसवाल, कुमार कुशल, राज कुमार, दिनेश कुमा, प्रदीप का योगदान रहा।

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