राज्य की कृषि और किसानों के विकास में केवीके की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ दुबे

झारखंड कृषि
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  • बीएयू में प्रसार शिक्षा परिषद् की 39वीं बैठक

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि राज्य के कृषि परिदृश्य और किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में अनुकूल बदलाव लाने के लिए जिला स्तर पर कार्यरत कृषि विज्ञान केन्द्रों (केवीके) के वैज्ञानिक महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्हीं के माध्यम से विश्वविद्यालय की शोध उपलब्धियां और अनुशंसाएं धरातल पर पहुंच रही हैं। किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि हो रही है।

कुलपति बुधवार को बीएयू की प्रसार शिक्षा परिषद् की 39वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने केवीके वैज्ञानिकों को सलाह दी कि केन्द्रों में कर्मियों की कमी के मद्देनजर उतना ही काम लें, जितना गुणवत्ता के साथ करना सहजता से संभव हो। सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों और खरीद प्रक्रिया की जानकारी रखें, जिससे भविष्य में कोई दिक्कत नहीं हो।

आईसीएआर के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), पटना के निदेशक डॉ अंजनी कुमार ने कहा के प्रसार उपलब्धियों के ब्योरे में केवीके की गतिविधियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों की प्रसार उपलब्धियों का भी विवरण रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के केवीके वैज्ञानिक झारखंड के किसानों के लिए ही कार्य कर रहे हैं।

अतिथियों का स्वागत करते हुए बीएयू की प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ रेखा सिन्हा ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा गत वर्ष किसानों, ग्रामीण युवाओं और प्रसार कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न अवधि के 2021 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गए, जिनसे 61 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हुए। केवीके द्वारा वर्ष 2024-25 में विभिन्न श्रेणी के लगभग चार हज़ार क्विंटल बीज और विभिन्न फल, सब्जी, फूल एवं औषधीय पौधों की 8.73 लाख रोपण सामग्री का उत्पादन किया गया।

इस अवसर पर तीन प्रगतिशील किसानों, कृष्णा उरांव (लातेहार), सुषमा देवी (बोकारो) तथा ऐनुल अंसारी (चान्हो, रांची) को उनकी नवोन्मेषी कृषि के लिए सम्मानित किया गया I संचालन शशि सिंह और धन्यवाद डॉ रंजय कुमार सिंह ने किया।

जोन 4 (साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो) की प्रसार उपलब्धियों का ब्योरा केवीके, दुमका की प्रमुख डॉ किरण कुमारी, जोन 5 (गढ़वा, पलामू, लोहरदगा, लातेहार, चतरा, सिमडेगा) की उपलब्धियां की रूपरेखा केवीके चतरा के प्रमुख डॉ रंजय कुमार सिंह तथा जोन 6 की रिपोर्ट केवीके पूर्वी सिंहभूमके प्रमुख डॉ अमरेश चन्द्र पाण्डेय ने प्रस्तुत की।

स्वयंसेवी संगठनों द्वारा संचालित केवीके (गुमला, रांची, गोड्डा, देवघर) की प्रमुख गतिविधियों की प्रस्तुति केवीके, रांची के प्रमुख डॉ अजित कुमार और झारखंड के आइसीएआर संस्थानों द्वारा संचालित केवीके की उपलब्धियों का विवरण केवीके कोडरमा के प्रमुख डॉ अजय कुमार राय ने रखा। बैठक में गत वर्ष की प्रसार शिक्षा उपलब्धियों की समीक्षा की गयी। नए वर्ष की कार्य योजना को अन्तिम रूप दिया गया।

किसान प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा कार्यक्रमों से अपनी उत्पादकता, आय और जीवन में आये बदलाव के बारे में अपने अनुभव साझा किये। इस अवसर पर बीएयू की प्रसार उपलब्धियों से सम्बंधित प्रकाशन का लोकार्पण किया गया। बैठक में राज्य के सभी 24 जिले के कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुखों भाग लिया।

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