
रांची। जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान का निर्वाण (मोक्ष) दिवस 31 जुलाई को मनाया गया। इस अवसर पर रांची के दोनों मंदिरों में प्रातः काल में भव्य पूजन कलाशाभिषेक एवं विश्व शान्ति के लिए शांति अभिषेक की गई। भगवान पार्श्वनाथ श्रावण शुक्ला सप्तमी के दिन पार्श्वनाथ पर्वत के स्वर्णभद्र कूट से मोक्ष गए थे, इसलिए उनका निर्वाण दिवस मनाया जाता है।
सम्पूर्ण भारतवर्ष से श्रद्धालु इस दिन भक्त विशेष पूजा अर्चना के लिए पारसनाथ आते है, जो झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित हैं। मोक्ष कल्याणक के अवसर पर अपर बाज़ार स्थित जैन मंदिर में विशेष पूजा विधान का आयोजन हुआ। संध्या बेला में आरती की गई। इस दिन समाज की बालिकाएं चौबीस घंटे निराहार व्रत रखती हैं।
समाज के अध्यक्ष प्रदीप बाकलीवाल, मंत्री जितेन्द्र छाबड़ा के अलावा उपाध्यक्ष संजय छाबड़ा, टीकमचंद छाबड़ा, पंकज पांड्या, संजय काशलीवाल, प्रमोद झांझरी, अजीत काला, विनोद झांझरी, विजय पांड्या एवं अन्य लोगों की उपस्थिति में शांति धारा एवम् निर्वाण लाड़ू समर्पित किया गया।
निर्वाण लाडू समर्पण का सौभाग्य एवं शांति धारा का सौभाग्य महेन्द्र कुमार, गौरव कुमार, सौरभ कुमार रांवका एवं प्रदीप कुमार, श्रीमती अनीता अजमेरा परिवार को मिला। यह जानकारी मंत्री जितेन्द्र छाबड़ा एवं अध्यक्ष प्रदीप बाकलीवाल ने दी।
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