ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले शिक्षकों से मांगा स्पष्टीकरण

झारखंड
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  • शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक संपन्‍न

गणपत लाल चौरसिया

गुमला। उप विकास आयुक्त दिलेश्वर महतो की अध्यक्षता में जिले के शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक सोमवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में हुई। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो एवं जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां सहित विभिन्न प्रखंडों के शिक्षा पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में जिले में विद्यालयों में पाठ्यपुस्तक, नोटबुक एवं स्कूल बैग वितरण की स्थिति की समीक्षा की गई। उप विकास आयुक्त ने निर्देशित किया कि किसी भी विद्यालय में शैक्षणिक सामग्री वितरण की प्रक्रिया अधूरी नहीं रहे। यदि किसी विद्यालय में अवशेष सामग्री हो, तो उसे आवश्यकता अनुसार अन्य प्रखंडों में हस्तांतरित कर उपयोग में लाया जाए।

पिछले वर्ष की मैट्रिक परीक्षा के परिणाम के आधार पर उप विकास आयुक्त ने कार्ययोजना तैयार कर सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। विशेषकर गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों पर फोकस करते हुए निचली कक्षाओं से ही लर्निंग गैप कम करने के लिए ठोस एवं व्यावहारिक कदम उठाने की आवश्यकता बताई गई।

उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपलब्धता एवं प्रतिनियोजन के कारण शैक्षणिक कार्यों में हो रही बाधा पर चिंता जताते हुए ऐसे विद्यालयों की सूची तत्काल प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकन वृद्धि, ड्रॉपआउट रोकथाम के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, असैनिक निर्माण कार्यों की प्रगति, यू-डायस डाटा का अद्यतन, व्यावसायिक शिक्षा की कक्षाओं का प्रभावी संचालन, विद्यालय प्रबंधन समिति का पुनर्गठन एवं सीआरपी-बीआरपी द्वारा विद्यालयों के अनुश्रवण की नियमितता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में जानकारी दी गई कि जिले के लगभग 85% शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, जबकि चैनपुर, डुमरी, जारी जैसे प्रखंडों में अनुपालन कम है। इस पर डीडीसी द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति न बनाने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया गया।

राज्यस्तरीय सीपीडी प्रशिक्षण को अब तक पूर्ण नहीं करने वाले शिक्षकों से भी स्पष्टीकरण लेने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही 16 जुलाई से सभी प्रखंडों में बच्चों के बैंक खातों की एनपीसीआई मैपिंग पूर्ण करने के लिए बैंकों से समन्वय स्थापित करने एवं आवश्यकतानुसार सीआरपी-बीआरपी की प्रतिनियुक्ति करने के निर्देश दिए गए।

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि गुमला जिला की प्रगति राज्य के अन्य जिलों की तुलना में काफी पीछे है। केवल 1500 असाक्षर व्यक्तियों की पहचान हुई है, जबकि पालकोट, घाघरा, सिसई जैसे प्रखंडों की स्थिति अत्यंत कमजोर है।

इस पर डीडीसी ने सख्त निर्देश देते हुए जुलाई के अंत तक व्यापक पहचान एवं साक्षरता केंद्रों के संचालन के लिए शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कराने को कहा, साथ ही अगली बैठक तक प्रगति नहीं दिखाने वाले संकुल, प्रखंड एवं विद्यालयों पर जवाबदेही तय कर कार्रवाई की चेतावनी दी।

प्रोजेक्ट इंपैक्ट के अंतर्गत विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण बेहतर बनाने एवं मासिक रियल टेस्ट की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि केवल 10% विद्यालयों ने ही मूल्यांकन उपरांत प्राप्तांक की ऑनलाइन एंट्री की है। डीडीसी ने एक सप्ताह के भीतर सभी विद्यालयों से 100% डेटा इंट्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

बैठक में क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, जिला परियोजना कार्यालय के सहायक अभियंता, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी, फील्ड मैनेजर, स्टेनोग्राफर, सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी तथा कनीय अभियंता उपस्थित रहे।

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