तसर रेशम कीट का गृह कीटपालन भी किया जाए : गिरिराज सिंह

झारखंड
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  • राष्‍ट्रीय तसर रेशम कृषि मेला सह संस्‍थान का स्‍थापना दिवस समारोह आयोजित

रांची। नगड़ी स्थित केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान में राष्‍ट्रीय तसर रेशम कृषि मेला सह संस्‍थान के 61वें स्‍थापना दिवस समारोह का आयोजन 19 मई को किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वस्‍त्र मंत्री गिरिराज सिंह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि भारत विश्‍व का एकमात्र देश है, जहां रेशम की चारों प्रजातियों (शहतूत, तसर, मूगा एवं रेशम) का उत्‍पादन होता है। उन्‍होंने केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान से अनुरोध किया कि प्रक्षेत्र में तसर रेशम कीटपालन के साथ-साथ उप-उत्‍पाद को भी बढ़ावा दें, ताकि इससे किसानों की आय में और बढ़ोत्तरी हो सके।

वस्त्र मंत्री ने यह भी कहा कि तसर रेशम कीट का गृह कीटपालन भी किया जाए। जहां कीटपालन किया जाए, वहां पर एक सीसीटीवी कैमरा लगाया जाए जिससे कीड़े की गतिविधि को रिकार्ड किया जा सके। अगर यह सफल होता है तो गृह कीटपालन से अधिक-से-अधिक तसर कीटपालक लाभान्वित होंगे।

श्री सिंह ने कहा कि तसर रेशमकीट को अर्जुन एवं आसन के पत्‍ते के अलावा दूसरे पौधे के पत्‍ते खिलाकार भी देखा जाए कि क्‍या दूसरे पौधे के पत्‍ते खाकर भी तसर रेशम कीट कोसा बना सकता है। श्री सिंह ने केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान, झारखंड राज्‍य वन विभाग एवं राज्‍य रेशम विभाग से तसर रेशम के विकास के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर सभी विशिष्ट अतिथियों ने तसर उद्योग के विकास और गति एवं इसमें तसर संस्था, रांची के योगदान एवं सहभागिता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

मंत्री द्वारा पूर्व के तीन पीजीडीएस प्रशिक्षणार्थियों को स्‍नातकोत्‍तर डिप्‍लोमा प्रशिक्षण में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिए पुरस्‍कृत किया गया। साथ ही, रेशम उत्‍पादन में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को भी पुरस्‍कृत किया गया।

केन्‍द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्‍थान एवं बायोसेफ, रांची के साथ सरिहन इकोरेस एवं मोटराइज्‍ड तसर धागाकरण मशीन के लिए एमओयू भी किया गया। कार्यक्रम में तसर संस्‍थान द्वारा प्रकाशित छह पुस्‍तकों का वस्‍त्र मंत्री एवं विशिष्‍ट अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया।

इस अवसर पर पी.शिवकुमार (सदस्‍य सचिव, केन्‍द्रीय रेशम बोर्ड, बेंगलूर), डॉ.अजीत कुमार सिन्‍हा (कुलपति, रांची विश्‍वविद्यालय), परितोष उपाध्‍याय (पीसीसीएफ वन्‍य जीव एवं मुख्‍य वन्‍य जीव वार्डन, झारखंड); डॉ.नरेश बाबू (संयुक्‍त सचिव (तकनीकी)/सीईओ, एसएमओआई, बेंगलूर) और गौतम कुमार (महाप्रबंधक, नाबार्ड) भी उपस्थित रहे।

संस्‍थान के निदेशक डॉ.एन.बी.चौधरी ने अतिथियों का स्मृति चिह्न और अंगवस्त्र से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक-डी डॉ. जय प्रकाश पाण्‍डेय और धन्‍यवाद निदेशक ने किया।

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