- बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में खरीफ अनुसंधान परिषद की 45वीं बैठक
राची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में खरीफ अनुसंधान परिषद की दो दिवसीय बैठक शनिवार को प्रारंभ हुई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुनील चंद्र दुबे ने की। बैठक में आईसीएआर, नई दिल्ली के उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ देवेंद्र कुमार यादव ने मुख्य विशेषज्ञ के रूप में सहभागिता की।
डॉ यादव ने अनुसंधान की व्यावहारिक उपयोगिता, किसानों के साथ तकनीकी संवाद, एवं शोध निष्कर्षों के प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध की दिशा ऐसी होनी चाहिए, जो सीधे किसानों के जीवन में बदलाव ला सके। यह सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि विश्वविद्यालय की प्रौद्योगिकी खेतों तक पहुंचे।
बैठक में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों, महाविद्यालय विभाग क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के प्रमुख और प्रगतिशील किसानों ने भी भाग लिया।
बैठक में जैविक खेती, मृदा स्वास्थ्य, जलवायु-अनुकूल कृषि तकनीकों, उन्नत बीज उत्पादन, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के साथ समन्वय, किसानों तक नवाचारों के प्रचार-प्रसार के लिए एक्सटेंशन गतिविधियों का विस्तार आदि पर प्रमुखता से चर्चा की गयी। बैठक के दौरान विश्वविद्यालय की खरीफ हाईलाइट पुस्तिका का विमोचन किया गया।
अपने संबोधन में कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय झारखंड राज्य के कृषि विकास की रीढ़ है। हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय में हो रहे सभी शोध कार्य व्यावहारिक हों, किसानों के लिए उपयोगी हो। राज्य में सतत कृषि विकास की दिशा में योगदान करें।
डॉ डीके यादव ने जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे गुणवत्ता आधारित शोध करें। विकसित प्रौद्योगिकी को किसानों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार, आईसीएआर संस्थानों, केवीके, और कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित करें। उन्होंने नवाचारों के लिए लाइसेंसिंग एवं विपणन रणनीति अपनाने की भी सलाह दी, ताकि तकनीकों का व्यापक उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
अनुसंधान निदेशक डॉ पीके सिंह ने स्वागत भाषण करते हुए गत वर्ष की खरीफ शोध उपलब्धियां का ब्योरा रखा।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी खरीफ मौसम को ध्यान में रखते हुए उन्नत बीज, तकनीकी परीक्षणों और शोध कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, अनुसंधान परियोजनाओं की निगरानी एवं प्रभावी मूल्यांकन किया जाएगा।
बैठक में प्रगतिशील किसान ध्रुव नारायण सिंह (पलामू), सरिता देवी, बुढ़मू एवं शिवपूजन भगत (सिलागाई, चान्हो) ने भी भाग लिया। संचालन शशि सिंह और धन्यवाद उप अनुसंधान निदेशक डॉ सीएस महतो ने किया।
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