दुर्गम चढ़ाई कर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब पहुंचे श्रद्धालु

झारखंड धर्म/अध्यात्म
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  • माथा टेक गुरु ग्रंथ साहिब जी का लिया आशीर्वाद
  • श्री सुखमनी साहिब के सामूहिक पाठ में हुए शामिल

रांची। गुरुद्वारा श्री गुरु नानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी, रातु रोड से तीन जून को रवाना हुआ 170 श्रद्धालुओं का जत्था आठ जून की सुबह 10:15 बजे श्री हेमकुंड साहिब पहुंचा। गोविंद धाम गुरुद्वारा साहिब से सभी श्रद्धालु अरदास कर सुबह 5:45 बजे श्री हेमकुंड साहिब जी की यात्रा के लिए निकले। खराब मौसम के बीच 6 किलोमीटर की यात्रा में वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु की फतेह और बोले सो निहाल सत श्री अकाल तथा चरण चलो मारग गोविंद जयकारे लगाते हुए सुबह 10:15 बजे यह दुर्गम चढ़ाई पुरी की।

दुर्गम चढ़ाई और खराब मौसम के कारण कुछ श्रद्धालुओं ने घोड़े एवं पिट्ठू के सहारे यात्रा पुरी की। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब पहुंचकर सभी श्रद्धालुओं ने श्रद्धाभाव के साथ हेमकुंड झील में आस्था की डुबकी लगाई और गुरुद्वारा साहिब में सजे दीवान में आयोजित श्री सुखमनी साहिब जी के सामूहिक पाठ में शामिल हुए।

इस मौके पर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब जी के हजूरी रागी जत्था ने “हक हक आगाह गुरु गोबिंद सिंह, शाहे शाहन शाह गुरु गोबिंद सिंह …” शबद गायन किया। गुरुद्वारा के हेड ग्रंथी ने गुर इतिहास की साखी सुनाते हुए गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा हेमकुंड साहिब के बर्फीले पहाड़ों में की गई तपस्या पर प्रकाश डालते हुए इस पवित्र गुरुद्वारा साहिब के महत्व का वर्णन किया। दोपहर 1:30 बजे अरदास के साथ दीवान की समाप्ति हुई।

दोपहर दो बजे नासरो मंसूर गुरु गोबिंद सिंह.. के जयघोष के साथ सभी श्रद्धालु  वापस गोविंद धाम के लिए निकल पड़े। अत्यधिक थकान के कारण कुछ श्रद्धालु हेलीकॉप्टर द्वारा गोविंद धाम वापस पहुंचे। बाकी श्रद्धालु पैदल चलकर देर रात गोविंद धाम स्थित गुरुद्वारा साहिब पहुंचे और सबों ने गुरु का लंगर छका और वहीं रात्रि विश्राम किया।

यात्रा में शामिल सत्संग सभा के सह मीडिया प्रभारी पवनजीत सिंह खत्री ने यात्रा की जानकारी देते हुए बताया कि गढ़वाल हिमालय में समुद्र तल से लगभग 4,329 मीटर (14,200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की तपोस्थली श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के दौरान खराब मौसम और ठंड का सामना करना पड़ा। नेटवर्क की भी समस्या तो हुई पर जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं आई।

इस यात्रा में गोविंद घाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की पैदल यात्रा शामिल है, जो समुद्र तल से 15,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। हमारी यह यात्रा अलकनंदा नदी के किनारे से शुरू हुई और फिर एक लटकते पुल को पार करने के बाद एक दुर्गम खड़ी चढ़ाई को पूरे जत्थे ने उत्साह और जोश के साथ पूरा किया और गुरुद्वारे के पास स्थित एक प्राचीन, क्रिस्टल-क्लियर ग्लेशियल झील जिसे हेमकुंड झील कहा जाता है,इसके बर्फीले ठंडे पानी में आस्था की डुबकी लगाकर गुरुद्वारा साहिब में माथा टेक श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि आज नौ जून को जत्था सुबह नौ बजे गोविंद धाम से प्रस्थान कर दोपहर दो बजे वापस गोविंद घाट पहुंचा और वहां से जत्था के सदस्य दोपहर ढाई बजे बद्री नाथ धाम के लिए बस द्वारा रवाना हुए।शाम साढ़े चार बजे श्री बद्री नाथ धाम पहुंचकर दर्शन किया,आज का रात्रि विश्राम श्री बद्री नाथ धाम महोगा।

दस जून को सभी श्रद्धालु सुबह श्री बद्री नाथ धाम से बस से रवाना होकर रात को ऋषिकेश पहुंचेंगे जहां संपूर्णता की अरदास के साथ ही इस यात्रा का समापन हो जाएगा।बारह जून को दिल्ली से गरीब रथ से प्रस्थान कर जत्था तेरह जून को सुबह वापस रांची पहुंचेगा।

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