गर्जन और वज्रपात को लेकर एडवाइजरी जारी, जानें क्‍या करें

झारखंड मौसम
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आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। पूरे राज्‍य में मॉनसून की बारिश शुरू हो गई है। बारिश के बीच में गर्जन और वज्रपात की आशंका भी बनी रहती है। रांची मौसम केंद्र इसे लेकर चेतावनी भी जारी करता रहता है।

मौसम केंद्र के मुताबिक राज्‍य में 23 जून तक कहीं-कहीं गर्जन के साथ वज्रपात होने की आशंका है। गर्जन और वज्रपात को लेकर सावधान एवं सतर्क रहने की जरूरत है। उपायुक्‍त डॉ कुमार ताराचंद के मुताबिक साधारण सावधानियों से इससे खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने कई निर्देश भी जारी किए हैं।

जब घर के भीतर हों

  • बिजली से चलने वाले यंत्रों को यथाशीघ्र बंद कर दें।
  • खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहें।
  • धातु से बने यंत्रों से दूर रहें।
  • कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग ना कर जूट की रस्सी का प्रयोग करें।
  • बिजली की सुचालक वस्‍तुओं से दूर रहें।
  • घर में के पानी का नल, टेलीफोन, फ्रिज, टीवी आदि को ना छुएं। उससे दूर रहें।

जब घर के बाहर हों

  • बारिश एवं वज्रपात के दौरान कभी भी अकेले पेड़ के नीचे खड़े ना हों।
  • यदि दो पहिया, साईकल, ट्रक, नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थान पर चले जायें।
  • वज्रपात के दौरान वाहनों की सवारी ना करें।
  • धातु की डंडी वाले छाता का उपयोग नहीं करें।
  • टेलीफोन व बिजली के पोल और टेलीविजन टावर, टेलीफोन टावर से दूर रहें।
  • बिजली की चमक देखकर और गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों के नीचे नहीं जायें।
  • तालाब और जलाशयों से दूर रहें।
  • तैराकी कर रहे लोग, मछुआरे आदि अविलम्ब पानी से बाहर निकल जायें।
  • वज्रपात के दौरान मोबाईल फोन का प्रयोग नहीं करें।

जब आप जंगल में हों

  • यदि आप जंगल में हो तो बौने एवं घने पेड़ों की शरण में चले जायें।

खेत खलिहान में काम कर रहे हों

  • गीले खेतों में कार्य कर रहे किसान तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर चले जायें।
  • वृक्षों, दलदल वाले स्थलों तथा जलस्रोतों से यथासंभव दूर रहें, परंतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ के नीचे रहें।
  • धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें।
  • खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें।
  • खुले आकाश में रहने को बाध्य हो अथवा कोई सुरक्षित स्थान न हो तो दोनों पैरों को आपस में सटा लें। दोनों हाथों को घुटने पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें। सिर को जमीन से न छुआएं।
  • एक साथ कई आदमी इकट्ठा नहीं हो।
  • दो लोगों की बीच की दूरी कम से कम 15 फीट हो।
  • अपने घरों और खेत खलिहान के आस-पास कम ऊँचाई वाले एवं उन्नत किस्म के फलदार पौधे लगायें।
  • मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है।
  • यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवायें।
  • वज्रपात का झटका लगने पर क्या करें
  • वज्रपात से झटका लगने पर जरूरत के अनुसार व्यक्ति को CPR (कार्डियो पल्मोनरी रेस्पिरेशन) यानी कृत्रिम श्वास देनी चाहिये। तत्काल प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था करें।

जानकारों का कहना है कि प्रायः देखा जाता है कि वज्रपात से झटका लगने पर ग्रामीणों द्वारा पशु के गोबर का लेप उस व्यक्ति पर लगा दिया जाता है। यह एक अंध विश्वास है। इससे बचें और पीड़ित व्यक्ति को यथाशीघ्र प्राथमिक चिकित्सा के लिए नजदीक के चिकित्सालय में ले जाएं।

गर्जन और वज्रपात से प्रभावित व्यक्ति की सूचना अपने अंचलाधिकारी या जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी या अपर समाहर्त्ता को तत्काल दें।

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