- जिला समाज कल्याण कार्यालय एवं बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की समीक्षा
लातेहार। उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने जिला समाज कल्याण कार्यालय एवं बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की समीक्षा समाहरणालय सभागार में 13 मई को की। बैठक में उपायुक्त ने समाज कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं बच्चों के संरक्षण से जुड़े कार्यों की गहन समीक्षा की। मुख्य रूप से पोषण ट्रैकर, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, सेविका सहायिका रिक्तियां, आंगनबाड़ी केंद्रों में आधारभूत संरचना एवं भवन निर्माण, एमटीसी केंद्र संचालन, बाल संरक्षण समेत अन्य विषयों की समीक्षा की गई।
समीक्षा के क्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश देते हुए उपायुक्त ने कहा कि विभाग द्वारा जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही है, उन सभी में लक्षित लक्ष्य के विरुद्ध शत प्रतिशत उपलब्धि को प्राप्त करें। इसके लिए उन्होंने सभी सेविका, सहायिकाओं के साथ बैठक कर सभी योजनाओं में निर्धारित लक्ष्य के प्राप्ति के लिए समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में आधारभूत संरचना एवं भवन निर्माण की जानकारी लेते हुए कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। अगली बैठक में रिपोर्ट में आंकड़ों को सही तरीके से प्रदर्शित करते हुए फोटोग्राफ्स के साथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
इसके अलावा पोषण ट्रैकर एप के अनुसार पूरक पोषाहार प्राप्त करने वाले लाभुकों में गर्भवती महिला, धात्री महिला, विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों आदि की समीक्षा की। डेटा अपडेट करने के निर्देश दिये। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों में रिक्त सेविका, सहायिका के पदों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि महिला पर्यवेक्षिकाओं के द्वारा सेविका, सहायिका के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अब तक ग्राम सभा भी नहीं कराई गई है, जिसपर उपायुक्त ने शीघ्र नियुक्ति कराने और महिला पर्यवेक्षिकाओं के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश दिया।
समीक्षा के क्रम में समर अभियान के तहत कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित बच्चों, युवतियों, गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उपचार के लिए एमटीसी भेजने एवं एमटीसी केंद्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए नियमित अनुश्रवण एवं निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
इसके अलावे मिशन वात्सल्य व जिला बाल संरक्षण इकाई के कार्यों की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने विशेष रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों की सुरक्षा, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिए। मानव तस्करी के तहत दर्ज हुए मामले एवं उनमें किए गए बच्चों के रेस्क्यू कार्य की जानकारी लेते हुए सक्रिय होकर कार्य करने को कहा गया।
डीसी ने संबंधित अधिकारियों व कर्मियों को जमीनी स्तर पर कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने विशेष परिस्थितियों में रह रहे किशोर-किशोरियों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही। उपायुक्त ने कहा कि बाल संरक्षण बहुत जरूरी है, इसके लिए सभी को सहयोगात्मक भावना से काम करने की जरूरत है।
बैठक में डीआरडीए निदेशक प्रभात रंजन चौधरी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती अल्का हेंब्रम, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ चंदन, जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी पदाधिकारी अजय कच्छप, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका एवं अन्य संबंधित उपस्थित थे।
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूब वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। साथ ही, सुविधा के मुताबिक अन्य खबरें भी पढ़ सकते हैं।
आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स सहित अन्य सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं। खबरें पढ़ सकते हैं। सीधे गूगल हिन्दी न्यूज पर जाकर खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।
हमारे साथ इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/H5n5EBsvk6S4fpctWHfcLK