
- सदर अस्पताल के एक चिकित्सक की भी भूमिका संदिग्ध, जांच के बाद होगी कार्रवाई
विश्वजीत कुमार रंजन
गढ़वा। सदर एसडीएम संजय कुमार ने चिनिया मोड़ काली मंदिर के पास स्थित साई पैथो लैब को गुरुवार को एहतियात के तौर पर सील कर दिया। सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार, बीडीओ गढ़वा कुमार नरेंद्र एवं सीओ गढ़वा सफी आलम, गढ़वा थाने के पुलिस बल की मौजूदगी में संयुक्त जांच करते हुए इसे सील किया गया। मामले की अपने स्तर से नियमानुसार जांच करने और दोषी पाये जाने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कराने व अन्य अग्रेतर विधिक कार्रवाई सिविल सर्जन करेंगे।
दरअसल मंडल कारा में पोक्सो के तहत निरुद्ध एक विचाराधीन कैदी की लीवर जांच इस पैथोलॉजी केंद्र ने की थी। रिपोर्ट संदिग्ध दिखने के बाद डॉक्टर लाल पैथ लैब से दोबारा जांच कराई गई। दूसरी रिपोर्ट में सब नॉर्मल पाया गया। साईं पैथोलॉजी के टेक्नीशियन एवं संचालक का पक्ष जानने के लिए अधिकारी इस जांच केंद्र पहुंचे हुए थे।
जांच के लिए पहुंचने पर वहां जांचों का कोई डिजिटल रिकॉर्ड नहीं मिला। मैनुअल रजिस्टर में भी उक्त कैदी की विवरणी में काट छांट और ओवरराइटिंग पाई गई। संचालक नित्यानंद त्रिपाठी और टेक्नीशियन खुशबुल्ला अंसारी ने तुरंत ही स्वीकार कर लिया कि उस व्यक्ति की जांच पहले नॉर्मल ही थी। सदर अस्पताल के एक चिकित्सक के दबाव में आकर उन्होंने रिपोर्ट में छेड़छाड़ की। रजिस्टर में काट छांट कर नई रिपोर्ट दे दी। जांच के दौरान एसडीएम संजय कुमार के साथ सिविल सर्जन एवं अन्य पदाधिकारी भी थे।
सिविल सर्जन ने मामले को अत्यंत गंभीर बताते हुए संलिप्त लोगों की जांच कर कड़ी कार्रवाई की वकालत की। फलस्वरुप एहतियात के तौर पर अनुमंडल दंडाधिकारी संजय कुमार के निर्देश पर इस जांच केंद्र को सील कर दिया गया। संजय कुमार ने बताया कि इस संबंध में सिविल सर्जन गढ़वा के स्तर से अग्रेत्तर जांच करते हुए संबंधित चिकित्सक एवं जांच केंद्र पर नियमानुसार कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मामले की विषय वस्तु से जिले के वरीय पदाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।
इस पैथोलॉजी केंद्र में अन्य विसंगतिया भी सामने आई हैं। जांच करने वाले तकनीशियन का फिलहाल 12वीं पास होना, जांच कर्ता द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करना, कोई रिकॉर्ड नहीं रखना, जांच को बदल देना और ज्यादातर एक ही डॉक्टर द्वारा रेफर किए गए रोगियों की जांच करना जैसे गंभीर तथ्य सामने आये हैं।
एसडीएम ने शहर के अन्य जांच केंद्र संचालकों को भी चेतावनी दी है कि वे विहित प्रावधानों के अनुसार ही अपने यहां जांच कर्मी एवं विशेषज्ञ रखें। सभी जांच केंद्र अपना रिकॉर्ड मेंटेन करें। कोई भी ऐसा काम नहीं करें जो मरीजों के हित में नहीं हो।
एसडीएम ने कहा कि इन जांच केंद्रों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ही लोग अपना इलाज कराते हैं। जब जांच केंद्र ही छोटे लालच में आकर रिपोर्ट्स को बदल देंगे, तब लोगों की चिकित्सा बुरी तरह प्रभावित होगी। इसलिए ऐसा कृत्य करने वालों को कठोर दंड मिलना तय है।
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