मुसहर परिवारों के बीच पहुंचे एसडीएम, इसी हफ्ते से बनेगा घर

झारखंड
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  • आवास निर्माण काम शुरू कराने का बीडीओ को दिया निर्देश

विश्वजीत कुमार रंजन

गढ़वा। सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार गुरुवार को मेराल प्रखंड के बाना गांव स्थित मुसहर टोली पहुंचे। वे अपने साथ मेराल अंचल के सीओ यशवंत नायक को भी लेकर गए थे। यहां उन्होंने स्थानीय बुजुर्गों से इस गांव के मुसहरों की पृष्ठभूमि, उनकी जमीन विवरणी, उनके परिवारजनों का विवरण और उनकी वर्तमान जीविका की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की।

स्थानीय बुजुर्ग भोला सिंह खरवार एवं अन्य लोगों ने बताया कि इस इलाके में बीते 40-50 सालों से मुसहर समुदाय के लोग रह रहे हैं, जिन्हें जमीन भी बंदोबस्ती में मिली हुई थीं। कालांतर में 8-10 मुसहर परिवारों में से कुछ परिवारों के सदस्य या तो मर गए या पलायन कर गए। धीरे-धीरे इनकी संख्या घटती गई, आज यहां मौके पर तीन परिवार ही अस्थायी झोपड़ियां बनाकर रहते हुए मिले। मुसहर परिवारों की जमीनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति के कुछ परिवारों ने अवैध दखल कब्जा कर वहां पर या तो घर बना लिए हैं या जोत कोड़ कर रहे हैं।

अवैध कब्जा होने के बावजूद भी अभी लगभग एक एकड़ से अधिक भूमि खाली पड़ी है, जिस पर भविष्य में अवैध कब्जा नहीं हो, इसे लेकर अंचल अधिकारी यशवंत नायक को अनुमंडल पदाधिकारी ने आवश्यक कदम उठाने को कहा। साथ ही निर्देश दिया है कि जिन लोगों ने मुसहर समुदाय की बंदोबस्त जमीनों पर कब्जा कर लिया है। उन्हें चिन्हित कर व नोटिस कर उनसे कागजात मांगे। जरूरी पड़े तो नियमानुसार जमीन मुक्त भी करायें।

भ्रमण के क्रम में एसडीएम को जानकारी मिली कि यहां के रामस्वरूप मुसहर और मनोज मुसहर के नाम से पहले से ही सरकारी आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हैं। हालांकि उनके आवास निर्माण का काम शुरू नहीं हो सका है। इस पर एसडीएम ने मौके पर ही मेराल बीडीओ सतीश भगत को फोन पर निर्देशित किया कि वे अपनी निगरानी में समन्वयात्मक सहयोग से इन दोनों मुसहर परिवारों के पूर्व-स्वीकृत आवासों का निर्माण इसी हफ्ते शुरू कराना सुनिश्चित करेंगे।

अनुमंडल पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी ने यहां के इन तीनों मुसहर परिवारों को मौके पर ही चावल उपलब्ध कराया। एसडीएम ने रामस्वरूप मुसहर की 13 वर्षीय पुत्री से पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा। उसे प्रोत्साहित किया कि यदि वह पढ़ना चाहती है तो उसका प्रवेश कस्तूरबा गांधी विद्यालय या किसी अन्य विद्यालय में करा दिया जाएगा। साथ ही, उसके करियर से संबंधित सभी प्रकार का सहयोग प्रदान किया जाएगा।

परिवारों के अन्य छोटे बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य कल्याणकारी सरकारी योजनाओं द्वारा आच्छादित सुविधाओं से आच्छादित करने के लिए बीडीओ मेराल को निर्देशित किया गया। एसडीएम को स्थानीय स्तर पर जानकारी मिली कि इन परिवारों के बच्चे फिलहाल या तो कूड़ा कचरा चुनते हैं या फिर भीख मांगते हैं। इन सभी बच्चों के बेहतर भविष्य की दिशा में आवश्यक उपाय करने के लिए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी निर्देशित किया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि बाना ही नहीं, अनुमंडल क्षेत्र के अन्य ग्रामों के दूरदराज क्षेत्रों, पहाड़ों की तलहटी, जंगल से सटे इलाकों आदि में कई मुसहर परिवार छि‍टपुट संख्या में क्लस्टर बनाकर दयनीय हालत में निवास कर रहे हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि महादलित एवं अंत्योदय से भी नीचे की आर्थिक स्थिति में खानाबदोश जीवन-यापन करने वाले इन परिवारों की समस्याओं और उनके न्यूनतम जीवन स्तर से जुड़ी जरूरतों का सर्वेक्षण कर संबंधित बीडीओ और सीओ पूरी संवेदनशीलता के साथ जरूरी पहल करेंगे।

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