जयपुर। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की ने पाकिस्तान के साथ दिया था। उसे ड्रोन और सैन्य सहायता प्रदान किया था। इससे नाराज होकर भारतीय व्यापारियों ने तुर्की को बड़ा झटका दिया है।
राजस्थान के उदयपुर में मार्बल व्यापारियों ने तुर्की के साथ व्यापारिक संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह कदम तुर्की द्वारा पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य सहायता प्रदान करने के विरोध में उठाया गया है, जो हाल ही में भारत द्वारा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सामने आया था।
उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराना ने बताया कि उदयपुर एशिया का सबसे बड़ा मार्बल निर्यातक है। भारत में आयात होने वाले मार्बल का लगभग 70% हिस्सा तुर्की से आता है। कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तुर्की से व्यापार बंद करने का निर्णय लिया, जिससे भारतीय मार्बल उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। यह दुनिया को एक कड़ा संदेश देगा कि भारत सरकार अकेली नहीं है। उद्योग और सभी भारतीय हमारी सरकार के साथ खड़े हैं।
इस निर्णय के पीछे तुर्की का पाकिस्तान को ड्रोन और सैन्य सहायता प्रदान करना है, जिसे भारत के खिलाफ हमलों के लिए इस्तेमाल किया गया। हालांकि, भारत के एंटी मिसाइल सिस्टम S-400 ने इन हमलों को विफल कर दिया। भारत लगभग 14 से 16 लाख टन मार्बल आयात करता है।
तुर्की के इस कदम के खिलाफ भारत में व्यापक विरोध देखा जा रहा है। पुणे के व्यापारियों ने भी तुर्की से सेब के आयात का बहिष्कार किया है, जिससे बाजार में तुर्की के सेबों की मांग में भारी गिरावट आई है।
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