सीसीएल फ्लाई ऐश का करेगा उपयोग, पीवीयूएनएल से समझौता

झारखंड
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  • पर्यावरणीय सततता की दिशा में सशक्त पहल

रांची। सीसीएल और पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) के बीच 3 मई को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य खनन के बाद के खाली क्षेत्रों में फ्लाई ऐश के सतत उपयोग को बढ़ावा देना है।

यह समझौता ‘वित्तीय वर्ष 2027-28 से डकरा ओसीपी, एनके क्षेत्र सहित सीसीएल की खदान में फ्लाई-ऐश का उपयोग’ शीर्षक परियोजना के तहत किया गया है। इसे पर्यावरणीय पुनर्स्थापन और अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में एक अग्रणी कदम के रूप में देखा जा रहा है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सीसीएल के एनके क्षेत्र के महाप्रबंधक और पीवीयूएनएल की पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के महाप्रबंधक (संचालन) ने किए।

इस अवसर पर सीसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) चंद्र शेखर तिवारी, निदेशक (परियोजना एवं योजना) शंकर नागाचारी एवं पीवीयूएनएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर.के. सिंह उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सीसीएल और पीवीयूएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति रही।

इस समझौते का उद्देश्य केवल फ्लाई ऐश निपटान नहीं, बल्कि उसे एक संसाधन के रूप में उपयोग कर खनन के बाद की भूमि को पुनः उपयोगी बनाना है। यह पहल खनन क्षेत्रों में पर्यावरणीय पुनःस्थापन, जल संरक्षण, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार और क्षेत्रीय जैव विविधता को पुनर्जीवित करने में सहायक सिद्ध होगी।

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