- डालसा ने एसडब्ल्यूएस और पड़रिया के ग्रामीणों के साथ मिलकर किया कार्यक्रम
खूंटी। विश्व पृथ्वी दिवस पर तोरपा प्रखंड के चेंगरझोर नदी के संरक्षण के लिए काम किया गया। इस कार्य में ग्रामसभा पंडरिया के सदस्यों ने श्रमदान कर नदी पर दो बोरीबांधों का निर्माण किया। झालसा के निर्देश एवं डालसा, खूंटी के अध्यक्ष रसिकेस कुमार के मार्गदर्शन में डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर के नेतृत्व में यह कार्य हुआ।
सेवी वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष अजय शर्मा ने मध्यस्तता करते हुए बोरीबांध निर्माण में सहयोग किया। बोरीबांध निर्माण स्थल पर डालसा की ओर से अधिवक्ता मदन गंझू, जिला परिषद सदस्य सुशांति कोंगाड़ी, दिंयाकेल पंचायत की मुखिया शिशिर तोपनो, रोजगार सेविका पुष्पा गुड़िया मुख्य रूप से उपस्थित हुए।
तीन घंटे में बनकर तैयार हो गए बोरीबांध
पंडरिया के रातू भेंगरा के नेतृत्व में ग्रामसभा ने बोरीबांध निर्माण के लिए एक दिन पूर्व बैठक कर बेहतर प्रबंधन की। गांव के लोगों को तीन समूह में बांटा गया। दो समूह बोरीबांध निर्माण में एक खाना पकाने में लगाया गया। सुबह साढ़े छह बजे बोरीबांध निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ और नौ बजे दो बोरीबांध बनकर तैयार हो गए।
57 एकड़ में लगे फसल अब सूखेंगे नहीं
रातू भेंगरा ने कहा कि इन बोरीबांधों के निर्माण से जहां चेंगरझोर नदी का संरक्षण हुआ, वहीं पंडरिया गांव के 42 एकड़ और तिरला गांव में 15 एकड़ में लगे गरमा धान, तरबूज और सब्जी की खेती के पटवन के लिए पानी की कमी नहीं होगी। इन खेतों के पटवन के लिए यहां चार सोलर लिफ्ट एरिगेशन सिस्टम लगाए गए हैं। रातू भेंगरा के अनुसार अगर बोरीबांध का निर्माण नहीं होता तो फसल सूख जाते।
चौपाल पर हुआ जागरुकता कार्यकम
बोरीबांध बनने के बाद पंडरिया गांव में चौपाल लगाकर विश्व पृथ्वी दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्रामीणों को भेजे गए संदेश में डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने कहा कि हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज पूरी दुनिया में पृथ्वी दिवस को सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना है।
जरूरत से अधिक दोहन किया जा रहा
मौके पर अधिवक्ता मदन गंझू ने कहा कि पृथ्वी का जरूरत से अधिक दोहन किया जाने लगा है, जिससे उसको नुकसान पहुंच रहा है। इस तरह के हो रहे दोहन के कारण पृथ्वी और इसका वातावरण दूषित हो रहा है। पृथ्वी दिवस मनाने का उद्देश्य धरती के हो रहे दोहन को रोकना और वातावरण को संरक्षित करने के लिए लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी दिवस के मौके पर हर किसी को प्रकृति के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों और करीबियों को प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित करें।
बोरीबांध निर्माण कार्य और जागरुकता कार्यक्रम की समाप्ति के बाद गांव के लोगों ने सामूहिक रूप से भोजन किया। इससे गांव का माहौल खुशनुमा हुआ।
इन ग्रामीणों ने किया श्रमदान
बोरीबांध निर्माण में रातू भेंगरा, विलकन भेंगरा, संग्राम महतो, सुमन भेंगरा, बिरसा, दीपक पाहन, सालु हेरेंज, जगना पाहन बुधुवा मुंडा, जीवन मुंडा, वर्जीत महतो, दीपक मुंडा, झींगी पाहन, छोटा मेदा, तेलोस्फर भेंगरा, एतु पाहन, रूढ़ी महतो, जयधर सिंह, तेलंगा पाहन, लाडो भेंगरा, जयराम भेंगरा, मार्टिन भेंगरा, सुखराम पुर्ति, सोहराई भेंगरा, पोढ़ा भेंगरा समेत सभी ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
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