- सांसद नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे सहायता केंद्र के रूप में समर्पित करने की घोषणा
पटना। बाबू वीर कुंवर सिंह शौर्य दिवस के अवसर पर राजधानी पटना के बापू सभागार में शौर्य, स्वाभिमान और संगठन की त्रिधारा फूट पड़ी। क्षत्रिय समाज द्वारा आयोजित इस विराट समारोह में सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यह भीड़ नहीं, यह चेतना है; यह सभा नहीं, यह उद्घोष है।
राजीव प्रताप रूडी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जिनके प्रयासों से भारतीय वायुसेना के सूर्यकिरण और आकाशगंगा टीम के लड़ाकू विमानों ने गगनभेदी गर्जना के साथ बाबू वीर कुंवर सिंह को आकाश से ऐतिहासिक सलामी अर्पित की।
कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री सुमित सिंह, पूर्व मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू, विधायक राजेश सिंह, विधायक कु. श्रेयसी सिंह, पूर्व विधायक स्वर्णा सिंह और विनय कुमार सिंह, भाजपा नेता संजय सिंह टाइगर, जदयू नेता अजय सिंह (सिवान), निवेदिता सिंह, चंद्र विजय सिंह, बिट्टू सिंह, व्यास सिंह, रितेश सिंह, गोपाल शरण सिंह, यशवंत सिंह, मनोरंज सिंह, मनोज सिंह, बाबू वीर कुँवर सिंह शौर्य दिवस आयोजन समिति के संरक्षक पद्मश्री डॉ. आर.एन. सिंह तथा संयोजक ब्रजेश सिंह सहित राज्य के विभिन्न जिलों से पधारे क्षत्रिय समाज के हजारों गणमान्य जन उपस्थित थे।
इससे पूर्व गंगा तट पर भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण और आकाशगंगा टीमों ने अद्भुत और अविस्मरणीय प्रदर्शन कर आकाश में शौर्य की अमिट छाप छोड़ी। जब भारतीय सैनिक 20,000 फीट की ऊंचाई से तिरंगा लेकर उतरे और वीर बाबू कुंवर सिंह की छवि आकाश में लहराई, तब लगा जैसे इतिहास पुनः सजीव हो उठा है।
श्री रूडी ने अपने भावनात्मक संबोधन की शुरुआत पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए की और कहा कि भारत की धरती पर कायरता का कोई स्थान नहीं। वीरों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
सांसद ने मंच से उद्घोष किया कि अब क्षत्रिय समाज अपनी पहचान, गरिमा और सम्मान की पुनर्स्थापना के लिए एकजुट होगा। श्री रूडी ने कहा कि “जय श्रीराम” और “जय भवानी” के साथ अब नया उद्घोष होगा ‘जय सांगा!’ यह केवल नारा नहीं, बल्कि नवचेतना का सिंहनाद है।
श्री रूडी ने कहा कि बिहार के हर गांव में एक पीपल, एक मिट्टी का ढेर, एक धागा और एक संकल्प जन्म लेता है, जो कालांतर में मंदिर बनता है, ठीक वैसे ही अब समाज को भी अपनी पहचान की नींव रखनी है। उन्होंने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि हम सीढ़ी हैं, लोग चढ़ते हैं और लात मार देते हैं। अब नहीं। अब हम उस अगली पीढ़ी के लिए पुल बनेंगे, जिन्हें मंज़िल तक जाना है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब से सांसद नियंत्रण कक्ष बिहार के क्षत्रिय समाज के लिए 24 घंटे सहायता केंद्र के रूप में कार्य करेगा। किसी भी संकट, आपदा या ज़रूरत के समय समाज को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
डॉ. आर.एन. सिंह के अध्यक्षता में आयोजित इस भव्य समारोह में प्रदेश भर से आए युवाओं, महिलाओं और समाज के वरिष्ठ जनों ने अभूतपूर्व उत्साह के साथ भाग लिया। रुडी ने इसे 1999 में दिल्ली के आयोजन की पुनरावृत्ति बताया, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने मंच से आशीर्वाद दिया था।
अपने ओजस्वी अंदाज़ में रूडी ने सभा का आह्वान करते हुए कहा कि अब मांगने का नहीं, दिशा देने का समय है। अब मौन रहने का नहीं, जय सांगा के स्वर में समाज को पुकारने का वक्त है। कार्यक्रम का समापन वीर बाबू कुंवर सिंह, महाराणा प्रताप और राणा सांगा के जयघोष के साथ हुआ। शौर्य का यह महायज्ञ पटना की धरती पर क्षत्रिय चेतना के नवप्रभात का प्रतीक बन गया।
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