
चक्रधरपुर। सिंहभूम की लगभग 300 साल पुरानी ऐतिहासिक परंपरा मां भगवती यात्रा इस वर्ष भी पारंपरिक हर्षोल्लास और गहरी श्रद्धा के साथ घाट पर शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन को देखने और इसमें भाग लेने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े।
हर वर्ष की भांति इस बार भी मां भगवती की यात्रा आस्था और संस्कृति के एक अद्भुत मिलन का साक्षी बनी। आयोजन में उपस्थित श्रद्धालुओं ने पूर्ण अनुशासन और भक्ति भाव के साथ माँ भगवती की पूजा-अर्चना की। प्रशासन द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की सुचारू व्यवस्था ने श्रद्धालुओं को विशेष संतुष्टि प्रदान की।
केरा राजपरिवार ने इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं, आयोजन व्यवस्था में जुटे लोगों और सभी सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया। विशेष रूप से, राजपरिवार ने उस परिवार और उनके पूर्वजों के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित की, जो कई दशकों से इस पूजा में अटूट निष्ठा के साथ जुड़े हुए हैं। इस महत्वपूर्ण परंपरा को जीवित रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का मानना है कि मां भगवती की यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन ही नहीं है, बल्कि यह सिंहभूम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसे आने वाली पीढ़ियों तक सहेज कर रखना आवश्यक है। इस वर्ष की सफल यात्रा ने एक बार फिर इस मान्यता को बल दिया है।
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