नई दिल्ली। वर्ष 2020 से अब तक वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के माध्यम से 109 कोयला खदानें आवंटित की गई हैं, जिनमें से 15 खदानें चालू हैं। इसके अतिरिक्त, इसी अवधि के दौरान 392 गैर-कोयला प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है, जिनमें से 32 चालू हैं।
कोयला मंत्रालय द्वारा राजस्थान में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के माध्यम से कोई कोयला/लिग्नाइट खदान आवंटित नहीं की गई है।
वर्ष 2020 में वाणिज्यिक कोयला खनन के शुभारंभ से जनवरी 2025 तक कोयला/लिग्नाइट वाले क्षेत्रों की राज्य सरकारों को अग्रिम राशि और मासिक भुगतान (रॉयल्टी, उपकर, डीएमएफ, एनएमईटी आदि को छोड़कर) के रूप में लगभग 4149.76 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। वाणिज्यिक खनन से अग्रिम राशि और मासिक भुगतान (रॉयल्टी, उपकर, डीएमएफ, एनएमईटी आदि को छोड़कर) के रूप में राज्यवार प्राप्त राजस्व निम्नानुसार है।
क्र.सं. | राज्य | जनवरी 2025 तक राजस्व (करोड़ रुपए में) |
1 | छत्तीसगढ़ | 1722.85 |
2 | झारखंड | 579.07 |
3 | महाराष्ट्र | 143.07 |
4 | मध्य प्रदेश | 549.21 |
5 | ओडिशा | 1061.78 |
6 | पश्चिम बंगाल | 93.60 |
7 | असम | 0.18 |
कुल योग | 4149.76 |
कोयला मंत्रालय कई प्रमुख उपायों के माध्यम से पर्यावरण मंजूरी और भूमि अधिग्रहण सहित कोयला खदानों के संचालन में होने वाली देरी को सक्रिय रूप से दूर कर रहा है। नियमित समीक्षा करने और ब्लॉकों के विकास में तेजी लाने के लिए संबंधित मेजबान राज्यों के मुख्य सचिवों, सचिव (एमओईएफ और सीसी), कोयला नियंत्रक संगठन (सीसीओ) और सीएमपीडीआई को समिति के सदस्यों के रूप में सचिव (कोयला) की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया गया है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने दी।