
रांची। सेल के आंतरिक सलाहकार सेंटर फॉर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीईटी) ने सेल की पहली ग्रीन बिल्डिंग निर्माण किया है। यह भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल से प्रमाणित है। इसका उद्घाटन सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश ने 8 मार्च को रांची स्थित सेटेलाईट कॉलोनी में किया।
इस अवसर पर सेल बोर्ड के निदेशक (विपणन) वी.एस.चक्रवर्ती, निदेशक (वित्त) ऐ.के. तुलसियानी, निदेशक (कार्मिक) के.के.सिंह, निदेशक प्रभारी (बोकारो) बी.के.तिवारी, निदेशक (तकनीकी,परियोजना एवं कच्चा माल) एम.आर गुप्ता और निदेशक प्रभारी (राउरकेला) आलोक वर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम की मेजबानी सीईटी के ईडी श्रवण कुमार वर्मा ने की। मौके पर ईडी (सुरक्षा) अनूप कुमार, ईडी (डिजिटल) वेदप्रकाश एवं ईडी (आर.डी.सी.आई.एस) संदीप कर उपस्थित थे|
सेल सैटेलाइट टाउनशिप, रांची में स्थित 30 वर्ष पुराने इस्पात एग्जीक्यूटिव हॉस्टल को कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए पुनर्निर्मित किया गया है। यह पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए सेल के समर्पण को दर्शाता है। बिल्डिंग का अभिनव डिजाइन और विशेषताएं उच्चतम ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और अपशिष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करती हैं। एक्जिस्टिंग बिल्डिंग्स की ग्रीन रेटिंग सिस्टम के तहत, भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल ने इस ग्रीन बिल्डिंग सिल्वर रेटिंग सर्टिफिकेट प्रदान किया है।
उद्घाटन के दौरान श्री प्रकाश ने कहा कि ग्रीन बिल्डिंग सेल की पर्यावरण-सुरक्षा मुहिम में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी पर्यावरण पद चिह्नों को कम करने और इस्पात उद्योग में पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सेल प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सेल संयंत्रों, कार्यालयों और शहरों में मौजूदा इमारतों के लिए ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सीईटी टीम की सराहना करते हुए उन्होंने उनसे ऐसे प्रयासों में परामर्शदाता के रूप में संयंत्रों की सहायता करने का आग्रह किया।
ये हैं मुख्य विशेषताएं
- स्वच्छ ऊर्जा के लिए छत पर 40 kWp का सोलर पीवी सिस्टम।
- छत के पानी को जमीन में पुनर्भरण द्वारा संरक्षित करने के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली।
- उच्च प्रदर्शन वाली ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था।
- जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए हरे-भरे बगीचे और भूदृश्य।
- उचित वायु संचालन और वायु शोधन प्रणाली।
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