- फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान : पोस्टमास्टर जनरल
गुजरात। डाक टिकट किसी भी देश की सभ्यता, संस्कृति और विरासत के संवाहक होते हैं। डाक टिकट संग्रह या फिलेटली के क्षेत्र में डाक विभाग द्वारा तमाम नए कदम उठाये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य युवाओं में रचनात्मकता के विकास के साथ-साथ यह भी है कि तमाम समसामयिक विषयों, घटनाओं, देश की विभूतियों, जैव विविधता आदि से युवा इन डाक टिकटों के माध्यम से रूबरू हो सकें। फिलेटली का शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने में अहम योगदान है। उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने भारतीय प्रबंध संस्थान (आई.आई.एम.), अहमदाबाद में ओल्ड बिल्डिंग कैंपस में 29 मार्च को दो दिवसीय डाक टिकट प्रदर्शनी ‘स्टैम्प फिएस्टा-2025’ का उद्घाटन करते हुए उक्त विचार व्यक्त किये।
प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित तमाम महापुरुषों, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन, हैंडलूम एंड हेरिटेज के आईने में गुजरात की समृद्ध विरासत के साथ-साथ रामायण के विभिन्न पहलुओं पर जारी डाक टिकटों ने लोगों का मन मोहा। इस अवसर पर आई.आई.एम., अहमदाबाद के विद्यार्थियों ने स्टैम्प फिएस्टा का विजिट करके विभिन्न डाक टिकटों के बारे में जानकारी ली। फिलेटली डिपाजिट एकाउंट, माई स्टैम्प, दीन दयाल स्पर्श छात्रवृत्ति योजना, ढाई आखर पत्र लेखन प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से बताया गया। माई स्टैम्प के तहत डाक टिकटों पर अब लोगों की फोटो भी हो सकती है।
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। समाज में नित् हो रहे विकास को डाक टिकटों के आईने में बखूबी देखा जा सकता है। फिलेटली को “किंग आफ हॉबी व हॉबी आफ किंग” के रूप में जाना जाता है, जिसमें रूचि रखने पर विविध विषयों पर डाक टिकटों का संग्रह कर सकते हैं।
हर डाक टिकट के पीछे एक कहानी छुपी हुई है और इस कहानी से आज की युवा पीढ़ी को जोड़ने की जरूरत है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि गुजरात की धरती पर जन्मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दुनिया को जो राह दिखाई, आज वह मैनेजमेंट के लिए अध्ययन और शोध का विषय बन चुका है। यही कारण है कि दुनिया में सबसे ज्यादा डाक टिकट महात्मा गांधी पर जारी हुए |
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संचार के बदलते दौर में आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया को अधिक तरजीह दे रही है, पर युवाओं को फिलेटली से जरूर जुड़ना चाहिए, इससे उनका सामान्य ज्ञान भी खूब विकसित होगा। इसी क्रम में एक अभिनव पहल के तहत डाक विभाग विभिन्न स्कूलों में फिलेटली क्लब खोल रहा है, ताकि विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह की अभिरुचि के प्रति उनकी प्रवृत्ति को विकसित किया जा सके। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा में भी फायदा मिलेगा। डाक-टिकट संग्रह (फिलैटली) को शिक्षा प्रणाली की मुख्यधारा में लाने और प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से डाक विभाग द्वारा कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों के लिए 6000 रुपये वार्षिक की “दीन दयाल स्पर्श छात्रवृति योजना” भी आरम्भ की गई है।
अहमदाबाद सिटी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर विकास पालवे ने कहा कि डाक विभाग विभिन्न स्कूलों में फिलेटली क्लब खोल रहा है, ताकि विद्यार्थियों में डाक टिकट संग्रह की अभिरुचि के प्रति उनकी प्रवृत्ति को विकसित किया जा सके। ‘स्टैम्प फिएस्टा’ जैसी प्रदर्शनियों का उद्देश्य प्रबंधन से जुड़े युवाओं और विद्यार्थियों को डाक टिकटों के विभिन्न पहलुओं से उत्सवी रूप में रूबरू कराना है।आई. आई. एम. दीक्षांत समारोह में आ रहे तमाम विद्यार्थी भी इससे जुड़ सकेंगे।
इस अवसर पर अहमदाबाद सिटी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर विकास पालवे, उपाधीक्षक एस.के. वर्मा, आई. आई. एम. प्रोफ़ेसर संजय वर्मा, सहायक डाक अधीक्षक अलकेश परमार, हार्दिक राठोड़, एस.एन. घोरी, फिलेटलिस्ट विजय नवलखा, आई.आई.एम. पोस्टमास्टर श्रीमती कृति मेहता, आई.पी.पी.बी. असिस्टेंट मैनेजर श्रीमती मलीहा मिंटो सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।