हजारीबाग। एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड की चट्टी बरियातु कोयला खनन परियोजना पर्यावरण संरक्षण और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए विभिन्न उपाय अपना रहा है। परियोजना पर्यावरण संरक्षण योजना का कड़ाई से अनुपालन करती है। खनन एवं पर्यावरण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
पर्यावरणीय शर्तों के अनुसार, परियोजना ने तीन वर्षों में कोयला परिवहन मार्ग के किनारे 100,000 देशी चौड़ी पत्तियों वाले पौधों के रोपण का संकल्प लिया है, जिससे वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके। इसी क्रम में, परियोजना ने पहले ही 9.17 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी थी।
सोमवार को अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए और पर्यावरणीय स्वीकृति की शर्तों के अनुपालन में शेष 5.02 करोड़ रुपये की राशि का चेक हजारीबाग (पश्चिम) के डीएफओ मौन प्रकाश को चट्टी बरियातु कोयला खनन परियोजना के प्रमुख नवीन गुप्ता द्वारा सौंपा गया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक (कोयला डिस्पैच और बिलिंग) पवन कुमार रावत सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इस योगदान के साथ, परियोजना ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में हजारीबाग (पश्चिम) वन विभाग को पौधरोपण के लिए 14.19 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है। यह पौधरोपण कोल परिवहन मार्ग के किनारे किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में पर्यावरणीय सुधार होगा।
इस दौरान एनटीपीसी के खनन और सीएसआर गतिविधियों की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की गई। एनटीपीसी ने वन विभाग के साथ निरंतर सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिससे परियोजना प्रभावित लोगों और खदान क्षेत्र के आसपास के पर्यावरण को लाभ पहुंच सके।
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