- हिन्दी, नागपुरी, कुड़ुख सहित दूसरी भाषाओं की फिल्मों की होगी स्क्रीनिंग
- समाज के विकास में महत्पूर्ण भूमिका निभाती हैं फिल्में : मुख्य अतिथि
रांची। गोस्सनर कॉलेज में गोस्सनर सिने फेस्ट 4.0 का आगाज शानदार अंदाज में 4 मार्च को हुआ। मास कम्युनिकेशन की कोर्स को-ऑर्डिनेटर प्रो. आशा रानी केरकेट्टा ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि कोलेबिरा विधायक नमन विक्सल कोनगाड़ी, डिप्टी मॉडरेटर राइट रेव मुरल बिलुंग, शिक्षक प्रतिनिधि प्रो. अमर दीप टोपनो, प्रो. हेमंत टोप्पो, प्रो. सुरेंद्र कुमार, प्रो. रंजीत कुमार ने इसका उद्घाटन किया। अभिलाषा और साक्षी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। मौके पर रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में कोलेबिरा विधायक ने कहा कि फिल्में समाज का दर्पण होती है। यह समाज के विकास में महत्पूर्ण भूमिका निभाती है। गोस्सनर सिने फेस्ट एक ऐसा मंच है, जो झारखंड ही नहीं देश के फिल्म निर्माता और कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है। इन तीन दिनों में हिन्दी, नागपुरी, कुड़ुख, मलयालम, तमिल, ओडिशी, छत्तीसगढ़ी सहित दूसरी भाषाओं की फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। उन्होंने सभी कलाकारों और फिल्म निर्माताओं को बधाई और शुभकामनाएं दी।
महाविद्यालय शासी निकाय के सदस्य सह डिप्टी मॉडरेटर बिशप मुरेल बिलुंग ने कहा कि गोस्सनर सिने फेस्ट 4.0 कॉलेज का बहुत अच्छा कार्यक्रम है। यह समय की मांग भी है। आज कॉलेज निरंतर शिक्षा और अन्य गतिविधियों में आगे बढ़ रहा है। यहां के विद्यार्थी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रहे हैं। इस फिल्म फेस्टिवल के जरिए भी गोस्सनर कॉलेज राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम कमा रहा है। यहां के फिल्म मेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस कॉलेज और राज्य का नाम जरूर रौशन करेंगे।
ज्यूरी मेंबर डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने फिल्मों को सराहा। फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया।
फेस्ट की पहली स्क्रीनिंग ‘मोर सुंदर छोटा नागपुर’ एल्बम से हुई, जिसका निर्देशन पुनीत कच्छप ने किया। इसके बाद राकेश उरांव द्वारा निर्देशित लघु बाल फिल्म ‘संग’ की स्क्रीनिंग हुई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस फिल्म में दो बच्चों की दोस्ती को निर्देशक ने बहुत अच्छे तरीके से पर्दे पर दिखाया है। लगभग 13 मिनट की इस फिल्म ने दर्शकों को बांधे रखा।
फिल्म फेस्टिवल में म्यूजिक वीडियो ‘अजनबी’ की स्क्रीनिंग की गई। डॉक्यूमेंट्री ‘सोहराई’ में संताल जनजाति के जीवन और संस्कृति को दर्शाया गया है। इसे बड़े पर्दे पर प्रदर्शित की गई। इस डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन कशिश सरावगी ने किया है।
गोस्सनर कॉलेज के मास कम्युनिकेशन विभाग के सेमेस्टर दो के विद्यार्थी आकाश द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री ‘मांदर’ की भी स्क्रीनिंग हुई, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया। विकाश आर्यन द्वारा निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘पलक’ भी प्रदर्शित की गई, जिसमें महिलाओं के प्रति समाज की सोच को दर्शाया गया है।
इसके अतिरिक्त कुड़ुक भाषा में बनी फिल्म ‘जहर जीनागी गाही’ का टीजर भी प्रदर्शित किया गया, जिसका निर्देशन इनस कुजूर ने किया है।
दूसरे सत्र में प्रसिद्ध फिल्ममेकर निरंजन कुजूर ने भारतीय सिनेमा में आदिवासियों के चित्रण पर चर्चा की। उन्होंने ऋत्विक घटक और सत्यजीत रे की फिल्मों का जिक्र करते हुए उनके योगदान पर प्रकाश डाला। फिल्मों में जनजातीय समुदाय के बारे में विस्तार से चर्चा की। मौजूद फिल्म निर्माताओं को आदिवासियों के सर्वश्रेष्ठ और सही प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। इस सत्र में बिजू टोप्पो भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि लगातार प्रयास से ही सफलता मिलती है।
कार्यक्रम का संचालन रिया और ख़ुशरूबा ने किया। फेस्ट में प्रो. महिमा गोल्डन बिलुंग, प्रो. अनुज कुमार, प्रो. संतोष कुमार, प्रो तेज मुंडू, शाहबाज आलम सहित जीसीएफ ऑर्गनाइजिंग हेड सौरव कुमार, क़शफ आरा, साक्षी पांडेय, अभिषेक, दिव्या, देव, कौसर, मुस्कान, अमन, अनल, रोहित,रजनी, तान्या, रिया के गोस्सनर कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में सिने प्रेमी उपस्थित रहे।
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