संसद में सरहुल पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की उठी मांग

झारखंड
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  • सुखदेव भगत ने जनगणना कॉलम में सरना धर्म कोड लागू करने की भी मांग की

आनंद कुमार सोनी

लोहरदगा। आदिवासियों के पर्व सरहुल पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग संसद में उठी है। लोहरदगा लोकसभा के सांसद सुखदेव भगत ने यह मांग उठाई है। श्री भगत ने कहा कि चैत मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाने वाला सरहुल आदिवासियों का महान पर्व है। इसमें सूर्य और धरती की पूजा होती है। रथ यात्रा की तरह सरहुल की शोभायात्रा में लाखों लोग शामिल होकर इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

श्री भगत ने कहा कि सरहुल को केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में रहने वाले आदिवासी प्रकृति पर्व के रूप में मनाते हैं। केंद्र सरकार के पूरे साल के कैलेंडर में एक भी आदिवासियों के त्योहार को राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार को आदिवासियों के पर्व सरहुल को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए।

इससे पूर्व सांसद सुखदेव भगत ने संसद में आदिवासियों की प्राकृतिक आस्था, पूजा पद्धति, विशिष्ट रीति- रिवाज के संरक्षण और संस्कृति की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से जनगणना कॉलम में सरना धर्म कोड लागू करने की मांग कर चुके हैं।

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