नर्मदा नदी में मजार बनाने का दावा, वायरल वीडियो का सच आया सामने

पोस्टमार्टम देश नई दिल्ली
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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मध्य प्रदेश के खरगौन जिले से जोड़कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक को नदी में खड़े होकर दुआ करते हुए देखा जा सकता है। नदी में एक संरचना भी दिख रही है। वीडियो में एक नाव पर सवार कुछ और लोग भी दिख रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के माहेश्वर किले के सामने नर्मदा घाट पर नदी के बीच मजार बनाने की तैयारी की जा रही है। यूजर्स इस पोस्ट को भड़काऊ शब्दों के साथ पोस्ट कर रहे हैं।

जांच में पता चला कि खरगौन के माहेश्वर में स्थित यह संरचना जलाल वली शाह दरगाह के नाम से मशहूर है। इस पर कई साल से श्रद्धालु आते रहे हैं। इससे संबंधित वीडियो इंटरनेट पर करीब चार साल पहले भी देखे जा सकते हैं। यह कई साल से स्थित है। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। पुलिस ने इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। हालांकि, वायरल वीडियो कब का है, इसकी पुष्टि हम नहीं कर रहे हैं।   

वायरल पोस्ट

एक्स यूजर @VarahaAvatar ने 9 मार्च को वीडियो शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए इसे मध्य प्रदेश के खरगौन जिले का बताते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की। 

https://twitter.com/i/status/1898803172447338887

फेसबुक यूजर B. K Roy ने 21 मार्च को इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “मध्य प्रदेश के जिला- खरगोन माहेश्वर किला,नर्मदा घाट पर नदी के बीच मजार कि तैयारी…माँ नर्मदा को दूषित करने का षड्यंत्र…यह जेहादी नर्मदा मां को दूषित कर रहे हैं! सोची-समझी रणनीति के तहत खरगोन के माहेश्वर किला के ठीक सामने नर्मदा जी में मजार बना रहे हैं! अगर प्रशासन ने समय रहते उचित कार्रवाई नहीं कि तो जिला- खरगोन के माहेश्वर किला मां नर्मदा के हृदय स्थल पर अति शीघ्र मजार दिखाई देने लगेगी और उसके बाद विवाद का कारण बनेगी!समय रहते ध्वस्तीकरण कि कारवाई सुनिश्चित करें!!“

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले इस बारे में इसकी कीफ्रेम निकालकर उन्हें गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। 14 जुलाई 2021 को यूट्यूब चैनल @Qadribarkatinetwork पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। इसमें पानी में डूबी संरचना को माहेश्वर में नर्मदा नदी में स्थित हजरत जलाल शाह की दरगाह का बताया गया। 

हालांकि, यह वायरल वीडियो से अलग है, लेकिन इसकी और वायरल वीडियो की लोकेशन एक सी लग रही है। इसमें पानी में डूबी संरचना को भी देखा जा सकता है।

फेसबुक यूजर Ya Dastagir और Madariya Silsila ने भी इस वीडियो को 2021 में पोस्ट करते हुए इसे माहेश्वर में हजरत जलाल शाह की मजार शरीफ का बताया गया है।

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर करीब सात साल पहले छपी खबर के अनुसार, “नर्मदा का जलस्तर कम होने पर लोगों को नदी के बीच में स्थित भैरवान बाबा की प्रतिमा और उनके सामने जलाल शाह वली की दरगाह के दर्शन होने लगे हैं। भैरवान बाबा की प्रतिमा के सामने नदी में कुछ दूरी पर दरगाह स्थित है। यहां भी हिंदू-मुस्लिमों ने कौमी एकता की मिसाल पेश कर चादर चढ़ाई। नर्मदा के बीच में बाणेश्वर मंदिर भी स्थित है। मंदिर ऊंचा होने से इसके दर्शन पूरे साल होते हैं, जबकि दरगाह व भैरवान बाबा के दर्शन जलस्तर कम होने पर ही होते हैं।”

इस बारे में हमने रेवा नाविक समिति के अध्यक्ष कृष्ण केवट से संपर्क किया। उनका कहना है, “नर्मदा नदी में स्थित दरगाह काफी पुरानी है। उनके दादा के जमाने में भी इसका जिक्र होता था। नदी का जलस्तर कम होने पर यह नजर आती है। यहां नाव के जरिए लोग पहुंचते हैं। यहां मजार बनाने की कोशिश का दावा गलत है।“

माहेश्वर में नईदुनिया के रिपोर्टर नवीन चौधरी ने कहा, “यह संरचना यहां काफी पहले से है। कई साल से इसमें आस्था रखने वाले लोग दुआ करने आते रहते हैं। अभी मजार बनाने की कोशिश जैसा कोई मामला नहीं है।” नवीन ने हमें नर्मदा नदी में स्थित दरगाह की तस्वीरें और वीडियो भी भेजे। उस समय वहां पानी बढ़ा होने के कारण संरचना नहीं दिखाई दे रही थी। 

माहेश्वर के थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगदीश गोयल को भी हमने वायरल पोस्ट भेजी। उन्होंने बताया, “यह वीडियो नर्मदा नदी में स्थित जलाल शाह वली की दरगाह का है। यह काफी पुरानी दरगाह है। यहां श्रद्धालु कई साल से आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट कर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।“

हालांकि, पड़ताल में हमें यह पता नहीं चला कि वायरल वीडियो कब का है। अत: हम इस वीडियो के समय की कोई पुष्टि नहीं करते हैं।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। एक विचारधारा से प्रभावित यूजर के करीब 4100 फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के खरगौन में माहेश्वर किले के सामने नर्मदा नदी में मजार बनाने का दावा गलत है। यह संरचना वहां कई साल से है। जलाल वली शाह की दरगाह के नाम से मशहूर इस संरचना पर कई साल से श्रद्धालु दुआ करने आते रहते हैं। पुलिस ने इस तरह की भ्रामक पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।  

यह कहानी मूल रूप से [विश्‍वास न्‍यूज] द्वारा प्रकाशित की गई थी (https://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-claim-of-new-mazar-in-narmada-river-khargone-madhya-pradesh-is-false/) और इसे शक्ति कलेक्टिव के तहत [dainikbharat24.com] द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया है।

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