रांची। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर सीसीएल ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी-सह-विक्रय का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य उन महिलाओं की प्रेरणादायक यात्रा का जश्न मनाना था, जिन्होंने एसएचजी के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति सशक्त बनाई। सामाजिक प्रगति में योगदान दिया।
इस कार्यक्रम में कोयला मंत्रालय की अपर सचिव सुश्री रुपिंदर बरार, कोल इंडिया के निदेशक (एचआर) विनय रंजन, विभिन्न अनुषंगी कंपनियों के निदेशक और सीएमडी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से) उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि पद्मश्री श्रीमती चामी मुर्मू ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। सीसीएल के सीएमडी, निदशेक मंडली एवं सीवीओ भी मंच पर मौजूद रहे।
सीसीएल की सामुदायिक सेवा प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए, सुश्री रुपिंदर बरार ने दो महत्वपूर्ण सीएसआर परियोजनाओं – शांति सदन वार्ड और आपातकालीन चिकित्सा तकनीशियन प्रशिक्षण कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन किया।
महिला सशक्तिकरण को समर्पित आयोजन: यह कार्यक्रम उन महिलाओं की सफलता का उत्सव था, जिन्होंने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भरता हासिल की और समाज में अपनी पहचान बनाई। सीसीएल की सीएसआर पहल महिला-केंद्रित कार्यक्रमों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उद्यमिता, कौशल विकास और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के अवसर पर सीसीएल परिसर में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य जागरुकता पर जोर दिया गया। इस अवसर पर मेडिका अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा कैंसर जांच शिविर आयोजित किया गया, जिसमें सीसीएल की महिला कर्मचारियों और आस-पास की महिलाओं ने भाग लिया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिलाओं को कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों, रोकथाम और समय पर जांच के महत्व की जानकारी दी। यह पहल महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरंकता बढ़ाने और उन्हें निःशुल्क जांच की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से की गई, जिससे वे स्वस्थ और सशक्त रह सकें।
प्रदर्शनी-सह-विक्रय का आयोजन
- इस कार्यक्रम में 10 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने भाग लिया। अपने उत्पादों की प्रदर्शनी एवं बिक्री की। विभिन्न समूहों ने अपने विशिष्ट उत्पादों के साथ स्टॉल लगाए।
- जन सहभागी विकास केंद्र : जूट उत्पाद
- झारक्राफ्ट : हस्तशिल्प एवं एप्लिक कार्य
- मार्सल प्राथमिक बुनकर सोसायटी : प्राकृतिक रंगों से बने हथकरघा वस्त्र
- स्तंभ: परंपरागत सोहराई पेंटिंग
- अमर जागृति केंद्र: डोकरा, सुजनी, बांस शिल्प और लाइव लाख चूड़ी निर्माण
- युवा: मशरूम आधारित व्यंजन एवं पोल्ट्री उत्पाद
- जन ज्योति एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट : परिधान
- मानव कल्याण वेलफेयर सोसायटी : महिलाओं द्वारा संचालित ड्रोन संचालन एवं प्रदर्शन
- बीएआईएफ : आईसीडीएस परियोजना प्रदर्शनी
स्वादिष्ट क्षेत्रीय व्यंजन
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टॉल लगाए, जिससे आगंतुकों को झारखंड की पारंपरिक स्वादिष्ट व्यंजनों का अनुभव मिला।
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