गोमिया के संरक्षित वनों में अवैध कोयला खनन पर बड़ी कार्रवाई

झारखंड
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प्रशांत अंबष्ठ

गोमिया। बोकारो वन प्रमंडल द्वारा अवैध कोयला खनन के खिलाफ पिछले 2 माह से चलाई जा रही डोजरिंग की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए आज बोकारो जिला में पहली बार अवैध मुहानों को नियंत्रित ब्लास्टिंग कर ध्वस्त किया गया। यह अभियान बोकारो उपयुक्त के आदेश से वन प्रमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में बनी वन विभाग, बेरमो अनुमंडल, खनन विभाग, पुलिस प्रशासन और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की संयुक्त टीम द्वारा सीसीएल केबीपी प्रोजेक्ट, गोमिया के क्षेत्र में संचालित किया गया।

इस अभियान के तहत अवैध रैटहोल खदानों को ड्रिलिंग और नियंत्रित ब्लास्टिंग के माध्यम से नष्ट किया गया, जिससे इनका पुनः उपयोग नहीं हो सके। इस कार्रवाई का उ‌द्देश्य जंगलों की रक्षा करना, पर्यावरण को हो रहे नुकसान को रोकना और अवैध खनन के कारण होने वाली सामाजिक व आर्थिक क्षति को समाप्त करना है।

अभियान में रहावन, पचमो, हर्दाग और बगियारी में मौजूद 29 अवैध महानो मे 290 के बारूद से भरे डील के मध्यम से नियंत्रित ब्लास्टिंग कर ध्वस्त किया गया। आगे भी यह कार्रवाई जारी रखते हुए कल बचे हुए 15 मुहनों को ध्वस्त किया जायेगा। आधुनिक मशीनों की सहायता से किये जाने वाले इस अभियान से अवैध मुहानों के धंसने से जाने वाले मजदूरों की जान भी बचेंगी।

राहवन संरक्षित वन क्षेत्र नक्सल प्रभावित होने के कारण इस अभियान को पूरी सतर्कता के साथ अंजाम दिया गया। रहावन थाने से पुलिस बल और विशेष सुरक्षा दस्तों की तैनाती के साथ, टीम ने सुनियोजित तरीके से अवैध खदानों को बंद किया।

इस कार्रवाई को सफल रूप से अंतिम चरण तक पहुंचाने के लिए संलग्न पदाधिकारी, बोकारो वन प्रमंडल संदीप शिंदे, अनुमंडल पदाधिकारी (बेरमो) मुकेश मछुआ, जिला खनन पदाधिकारी रवि कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वशिष्ट नारायण सिंह, सीसीएल जीएम और प्रोजेक्ट ऑफिसर अजित कुमार, थाना प्रभारी जे पी एक्का, प्रभारी वनपाल अजीत मुर्मू और वनरक्षी विकास महतो ब्लास्टिंग स्थल पर 3 दिनों तक डटे रहे।

वन विभाग स्पष्ट रूप से यह संदेश देना चाहता है कि संरक्षित वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का अवैध खनन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों की पहचान कर उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जनता से अपील की गई कि यदि उन्हें अवैध खनन या पर्यावरणीय अपराधों की कोई सूचना मिले. तो वे तुरंत संबंधित विभागों को सूचित करें ताकि जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की जा सके।

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