रांची। रांची कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (आरसीएचआरसी) ने ‘कैंसर से जीतना संभव है’ विषय के अंतर्गत शनिवार को मोरहाबादी मैदान से बाइक रैली निकाली। इसमें डॉक्टर, कैंसर रोगी, केयरगिवर्स और कम्युनिटी सदस्यों सहित 500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
बाइक रैली में मोरहाबादी मैदान से आरसीएचआरसी तक आठ किलोमीटर की दूरी तय की गई। रांची कॉलेज, राम मंदिर चौक, चांदनी चौक और कांके चौक में यह काफिला रुका। इसमें शामिल प्रतिभागियों ने कैंसर के प्रति जागरुकता और समय पर इसकी जांच कराने की प्रेरणा देते हुए बैनर्स और स्लोगन थामा हुआ था।
आरसीएचआरसी ने ब्लड प्रेशर, ओरल, ब्रेस्ट एवं सर्वाइकल कैंसर (30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए) की जांच के लिए एक मुफ्त जांच शिविर का भी आयोजन किया था, जिसका नेतृत्व अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट और डॉक्टरों ने किया।
आरसीएचआरसी में इंटर-कॉलेज स्पोकन वर्ड कॉम्पीटिशन का आयोजन किया गया। इसमें बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची वुमन्स कॉलेज, बीआईटी मेसरा, सेंट जेवियर्स कॉलेज, बेथेल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रामकृष्णन मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट और डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगितया ‘अंधेरे से उजाले तक: कैंसर योद्धाओं की आवाज’ विषय पर केंद्रित थी।
स्टूडेंट्स को जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से रोगियों तथा केयरगिवर्स से जुड़े अनुभवों को क्रिएटिव रूप में पेश करने का मंच दिया है। जजेस में मनोज कुमार, प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव, आकाशवाणी रांची और प्रोग्राम ऑफ आकाशवाणी डाल्टनगंज प्रमुख; डॉ. सुष्मिता पाण्डे, लेखक एवं आरसीएचआरसी कैंसर रोगी; और डॉ. मनीषा, कंसल्टेंट, पैलिएटिव मेडिसिन, आरसीएचआरसी शामिल थे। चुनी गई विजेता श्रुति मिश्रा (बिरसा कृषि विश्वविद्यालय) को आकाशवाणी, रांची में स्पोकन वर्ड परफॉर्मेंस प्रसारित करने का मौका मिला है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम का लक्ष्य गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जागरूक और प्रेरित करना है।
इस दौरान डॉ. रजनीगंधा टुडू, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, आरसीएचआरसी द्वारा बचाव, उपचार और सपोर्ट सिस्टम को लेकर कैंसर जागरुकता पर खास चर्चा की गई। साथ ही समय पर जांच और बचाव को लेकर स्थानीय कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक भी पेश किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में डायरेक्टर-इन-चीफ (हेल्थ सर्विसेज, झारखंड सरकार) डॉ. चंद्र किशोर शाही ने कहा, “कैंसर सिर्फ एक बीमारी नहीं है- यह एक भावनात्मक, सामाजिक और आर्थिक लड़ाई है, जोकि पूरे परिवार को प्रभावित करती है।‘’
डायरेक्टर ऑफ मेडिकल सर्विसेज (आरसीएचआरसी) डॉ. (कर्नल) मदन मोहन पाण्डे ने कहा, “कैंसर के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए इस बीमारी की समय पर जांच और उपचार बेहद जरूरी है। इस तरह की पहलें मेडिकल जानकारी और आम लोगों की जागरुकता के बीच की दूरी को कम करने में मदद करती हैं।‘’
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