लोगों को जागरूक कर ही सशक्त बनाया जा सकता है : न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद

झारखंड
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  • झारखंड के सभी डीएवी स्कूलों में खुला विधिक साक्षरता क्लब

रांची। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार ने झारखंड के सभी डीएवी स्कूलों में विधिक साक्षरता क्लब का वर्चुअल उद्घाटन 23 फरवरी को किया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित करके झारखंड उच्च न्यायालय के न्‍यायाधीश एवं झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव एवं अन्य गणमान्य ने झालसा स्थित न्याय सदन से किया।

इस अवसर पर झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री के अन्य पदाधिकारी, डीएवी संस्थानों के सहायक क्षेत्रीय अधिकारीगण, स्कूलों के प्रधानाचार्य एवं प्रमुख, डालसा के सचिव, पीएलवी, छात्र-छात्राएं, गणमान्य अतिथि, बैरिस्टर केया सेन एवं पल्लव आचार्जी सहित अन्‍य उपस्थित थे।

झारखंड के सभी 72 डीएवी स्कूलों में विधिक साक्षरता क्लबों का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। राज्य स्तरीय चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता के विजयी विद्यार्थियों एवं अन्य को सम्मानित किया गया। झालसा के ‘प्राजेक्‍ट सुरक्षा’ का शुभारंभ किया गया, जो डायन प्रथा एवं जादू-टोने के शिकार महिलाओं व पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी पहल है।

इन 72 नए विधिक साक्षरता क्लबों की स्थापना से झारखंड में विधिक साक्षरता अभियान को और अधिक बल मिलेगा। इससे छात्रों को जिम्मेदार नागरिक बनने और समाज के लिए सार्थक योगदान देने का एक सशक्त मंच मिलेगा। विधिक जागरूकता फैलाने में सामूहिक सहायता करेंगें।

साथ ही, झालसा का प्रोजेक्‍ट सुरक्षा डायन प्रथा जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने के लिए प्रभावी समाधान प्रस्तुत करेगा। यह गांवों, आदिवासी इलाकों और दूरदराज के क्षेत्रों में इस कुप्रथा को रोकने में मदद करेगा। पीड़ितों को तत्काल कानूनी एवं अन्य सहायता दिलाने में सहायक सिद्ध होगी।

इस अवसर पर न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विधिक साक्षरता को सुसुप्ता अवस्था से जागृत करने का कार्य न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने किया। उन्होंने कहा कि विधिक साक्षरता क्लब का उद्देश्य वंचित बच्चों को एक मंच उपलब्ध कराना एवं उन्हें मुख्यधारा में लाना है। इस मंच के माध्यम से बच्चे अपने आसपास की समस्याओं को रख सकते हैं। उनका समाधान प्राप्त कर सकते हैं।  

सभा को संबोधित करते हुए न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि‍ स्कूलों में विधिक साक्षरता क्लब की स्थापना करना नालसा का उद्देश्य है। इसे झालसा ने आगे बढ़ाया है। हमने ना केवल एक या दो बल्कि सभी डीएवी स्कूलों में इसकी स्थापना करने के बारे में सोचा। इसका मुख्य उद्देश्य सुदूर क्षेत्रों में भी विधिक साक्षरता क्लब की स्थापना करना है। उन्होंने कहा कि‍ राज्य तब तक विकास नहीं कर सकता जबतक की सुदूर छेत्रों का विकास नहीं हो। अगर लोगों को जागरूक नहीं किया जाएगा तो उन्हें सशक्त नहीं बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम में स्वागत झालसा की सदस्‍य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना एवं धन्यवाद डालसा के उप सचिव अभिषेक कुमार ने दिया।

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