- चंद्र प्रकाश चौधरी ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री से संज्ञान लेने का किया आग्रह
गिरिडीह। गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात की है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का ध्यान बीसीसीएल के अंतर्गत गोविंदपुर क्षेत्र के खरखरी कोयला खनन परियोजना में हुई खूनी संघर्ष, गोली कांड, बमबारी व करोड़ों की चोरी की कोयला की बरामदगी की ओर आकृष्ट कराया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को इस घटना पर कोल इंडिया द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की भी जानकारी दी। गंभीरता के साथ संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
सांसद ने केन्द्रीय मंत्री को इस बात से अवगत कराया कि खरखरी कोयला खनन परियोजना को पुनः प्रारंभ करने के लिए हिलटॉप हाईरिंग को कार्य करने का एलओए निर्गत करने के पूर्व विधि द्वारा स्थापित नियमों, सर्वोच्च न्यायालय व ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिये गए पर्यावरण के मानकों का अनुपालन जहां नहीं किया गया है। वहीं, परियोजना से प्रभावित परिवारों को राज्य सरकार अथवा कोल इंडिया के पुनर्वासन, पुनर्व्यवस्थान, भूमि-अर्जन व पारदर्शिता अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की अनदेखी की गयी।
श्री चौधरी ने बताया कि गोविन्दपुर क्षेत्र के एरिया-3 के जीएम जीसी शाह के द्वारा हिलटॉप हाईरिंग को अवैध वित्तीय लाभ व बीसीसीएल को करोड़ों का चूना लगाने की नीयत से नियम विरूद्ध गत 9 जनवरी को स्थानीय ग्रामीणों की रैयती भू-भाग बिना अधिग्रहण किए चहारदीवारी कर अवैध क़ब्ज़ा किया जा रहा था। इसका विरोध ग्रामीणों ने किया तो किराए के अपराधिक तत्वों ने ग्रामीणों पर सैकड़ों राउंड गोलियां चलाना शुरू कर दिया। बमों की बारिश करने लगे। इस घटना में सैकड़ों विस्थापित ग्रामीण घायल हो गए। साथ ही मेरे आवासीय कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया।
सांसद ने बताया कि इससे पहले 7 जनवरी को जीएम जी.सी.शाह से विस्थापितों के साथ मिलकर आग्रह किया था कि जब तक रैयतों व विस्थापितों को नियमानुसार मुआवजा, नियोजन व आर.एंड.आर नीति का अनुपालन नहीं हो जाता, तब तक परियोजना प्रभावित परिवारों के भू-भाग पर चहारदीवारी अथवा अतिक्रमण नहीं किया जाना चाहिए। बावजूद इसके जीएम ने अपनी इच्छाओं की पूर्ति व हिलटॉप हाईरिंग को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों व शर्तों की खुलेआम अवहेलना की।
इस घटना पर पुलिस द्वारा अब तक 8 आठ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जांच में पाया गया है कि जिस कारू यादव को चहारदीवारी का काम जीएम द्वारा एमडीओ की ओर से दिलवाया गया, उसके परिसर से 500 से भी ज़्यादा टन कोयला (अवैध/चोरी) बरामद हुआ है। इतनी भारी मात्रा में चोरी का कोयला मिलना झारखंड में कोयला चोरी में कोल इंडिया के अधिकारियों व प्रशासन की मिलीभगत का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
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