IIM ने इंडियन ऑयल के कर्मियों संग साझा की व्यावसायिक नीति

झारखंड
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  • संस्थान की ओर से आयोजित प्रबंधन विकास कार्यक्रम में आइओसीएल के पदाधिकारी हुए शामिल
  • काम के तनाव का रूप ना लेने दे, खुश रहें और कार्यक्षे़त्र में बेहतर करने का प्रयास करें : प्रो श्रीवास्तव

रांची। आईआईएम रांची में तीन दिवसीय प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) का समापन हुआ। एमडीपी में इंडियन ऑयल के पदाधिकारी शामिल हुए। उन्हें अपने कार्यक्षेत्र के लिए जरूरी सुझाव और प्रशिक्षण दिये गये। इसमें खासकर व्यावसायिक रणनीति के लिए आवश्यक पहल, नीति र्न्धिारण, व्यावसायिक सुझबूझ के साथ भावनात्मक बुद्धिमता से समस्या समाधान और व्यावासाय को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी ठोस कदम का प्रशिक्षण मिला।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान किसी व्यावसाय के संचालन और औद्योगिक विकास के लिए जरूरी मूल्यों पर चर्चा हुई। प्रशिक्षकों ने संगठनात्मक विकास के लिए व्यावसाय व उद्योग में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर चर्चा की। इसमें मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नीति निर्धारण के दौरान व्यावसायिक मूल्यों का पालन करने, कार्यक्षेत्र में पेशेवर व्यावहार, लिंगभेद और एक-दूसरे कर्मी के प्रति व्यवहार कुशलता व सहयोग से विकास की रणनीति तय करने की सीख दी गयी।

प्रबंधन क्षेत्र के एक्सपर्ट ने कार्यक्षेत्र में लिए जरूरी नेटवर्किंग और समय-समय पर कॉर्पोरेट इवेंट के जरिये ग्राहकों को लाभाविंत करने की सलाह दी। साथ ही नियमित रूप से ग्राहकों के सुझाव और शिकायत पर विचार करते हुए संस्थान के विकास और हीत में जरूरी निर्णय लेने की सलाह दी।

आईआईएम रांची के निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव ने कहा कि आज के दौर में उद्योग जगत में बतौर नेतृत्वकर्ता अपनी पहचान स्थापित करना चुनौतीपूर्ण काम है। इसमें सफलता तब मिलेगी, जब प्रबंधन और संस्थान से जुड़े सभी कर्मी ईमानदारीपूर्वक अपने काम को पूरा करेंगे। संस्थान के साथ-साथ कर्मी के विकास पर भी बल देना होगा। वहीं, उद्योग जगत में ग्राहकों के हि‍त और उनकी सुनना जरूरी है।

निदेशक ने कहा कि काम को तनाव के रूप में लेने पर कर्मी अपना शत-प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। ऐसे में संस्थान के मानव संसाधन विभाग को कर्मी के व्यक्तिगत, मानसिक और नियमित प्रशिक्षण पर काम करना होगा। इससे कर्मी को बदलते दौर के साथ ढलने का अवसर मिलेगा और अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।

प्रशिक्षण सत्र के दौरान प्रो अमित सचान ने आइओसीएल कर्मियों को जरूरी प्रबंधन कौशल का सुझाव दिया। प्रो सचान ने कर्मी कैसे औद्योगिक जगत में अपनी बेहतर पहचान स्थापित कर सकते है, पर चर्चा की। साथ ही आइओसीएल के कर्मियों से बदलते दौर में कार्यक्षेत्र में होने वाले आवश्यक बदलाव पर सुझाव मांगे। जिसपर विचार करते हुए तकनीकी सत्र को आगे बढ़ाया गया। वहीं, अन्य प्रशिक्षकों ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किया।

समापन समारोह में आइओसीएल कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आईआईएम रांची के निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव, कार्यक्रम निदेशक सह डीन एग्जीक्यूटिव एजुकेशन एंड कंसल्टेंसी प्रो अमित सचान, प्रो अंग्शुमन हजारीका और प्रो तनुश्री दत्ता उपस्थित थे।

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