रांची। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की राष्ट्रीय कृषि शिक्षा एक्रीडिटेशन बोर्ड ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के पांच नए कॉलेजों को मान्यता प्रदान कर दी है। इन कॉलेजों में तिलका मांझी कृषि महाविद्यालय (गोड्डा), रवींद्रनाथ टैगोर कृषि महाविद्यालय (देवघर), कृषि महाविद्यालय (गढ़वा), बागवानी महाविद्यालय (खूंटपानी, चाईबासा) और कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय (रांची) शामिल हैं।
बोर्ड ने आईसीएआर मुख्यालय, नयी दिल्ली में 27 जनवरी को हुई अपनी 38वीं बैठक में उच्च स्तरीय समीक्षा समिति की रिपोर्ट और अनुशंसाओं के आधार पर इन कॉलेजों को मान्यता प्रदान करने का निर्णय लिया।
इन कॉलेजों का एक्रीडिटेशन हो जाने से अब यहां के छात्र-छात्राओं का देश के अग्रणी कृषि विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश अपेक्षाकृत आसान हो जाएगा। रोजगार बाजार में उनकी डिग्री की पूछ बढ़ेगी। आईसीआर इन कॉलेजों में शिक्षण एवं छात्र कल्याण सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विकास अनुदान भी प्रदान कर सकेगा।
एक्रीडिटेशन बोर्ड ने निर्देश दिया है कि इन कॉलेजों से संबंधित सेल्फ स्टडी रिपोर्ट तत्काल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाय। बोर्ड को इसकी सूचना दी जाय। इन कॉलेजों में प्रतिवर्ष होने वाले नामांकन और शिक्षकों की उपलब्धता से संबंधित आंकड़ा भी संबंधित पक्षों की जानकारी के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा।
विश्वविद्यालय इन कॉलेजों में शिक्षकों और तकनीकी एवं सपोर्टिंग स्टाफ की वर्तमान संख्या बनाए रखेगा। कॉलेजों में विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए स्वीकृत सीटों की संख्या में कोई वृद्धि बिना बोर्ड की पूर्वानुमति के नहीं करेगा।
इन कॉलेजों की स्थापना वर्ष 2017-18 में की गई थी, किंतु आईसीएआर की शर्तें पूरी नहीं होने के कारण कॉलेजों और उनके यूजी पाठ्यक्रमों का एक्रीडिटेशन अबतक नहीं हो पाया था।
इसे कुलपति डॉ एससी दुबे के एक वर्ष के कार्यकाल की महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। उन्होंने जनवरी, 2024 में बीएयू के कुलपति का पदभार ग्रहण किया था।
कुलपति ने इस उपलब्धि के लिए समस्त विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी है। राज्य सरकार एवं कुलाधिपति कार्यालय के संबंधित अधिकारियों के प्रति उनके सतत् सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए कृतज्ञता प्रकट की है।
ज्ञातव्य है कि इन कॉलेजों के कामकाज की समीक्षा एवं उनके प्रत्ययन के संबंध में अपना मंतव्य देने के उद्देश्य से आईसीएआर की पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने पिछले 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक बिरसा कृषि विश्वविद्यालय मुख्यालय और इन कॉलेजों का दौरा किया था।
समीक्षा समिति के अध्यक्ष कृषि एवं बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय, शिवमोगा, कर्नाटक के पूर्व कुलपति डॉ एमके नाइक थे। समिति में सदस्यों में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय, कोयंबटूर के कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के डीन डॉ ए रबि राज, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के डेयरी टेक्नोलॉजी महाविद्यालय के डीन डॉ लोकेश गुप्त, डॉ वाईएसआर बागवानी विश्वविद्यालय, पश्चिमी गोदावरी जिला (आंध्र प्रदेश) के बागवानी महाविद्यालय की एसोसिएट डीन एवं निदेशक अनुसंधान डॉ एम माधवी तथा आईसीएआर, नयी दिल्ली के शिक्षा प्रभाग के प्रधान वैज्ञानिक डॉ दिनेश चंद्र शामिल थे।
समिति ने कॉलेजों के विभिन्न विभागों, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, छात्रावास, परीक्षा भवन, व्याख्यान कक्ष आदि का भ्रमण किया था। शिक्षकों, कर्मियों, छात्र-छात्राओं, पूर्ववर्ती विद्यार्थियों और किसानों से विमर्श किया था।
इन कॉलेजों के एसोसिएट डीन ने अपने-अपने महाविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियां और सुविधाओं के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया था। समीक्षा के उपरांत समिति ने अपनी रिपोर्ट और अनुशंसाएं आईसीएआर को सौंपी थी।
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