विद्यालय के विकास मद का बिल पास नहीं, हेडमास्टर की सांसें अटकी

झारखंड
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रांची। विद्यालय के विकास मद से राशि मिलने की प्रत्‍याशा में स्‍कूल में कई तरह के काम कराए जा चुके हैं। हालांकि विकास मद का बिल पास नहीं हो रहा है। जल्द राशि की निकासी नहीं होने पर मार्च के बाद यह लैप्स कर जाएगी। इन हालातों से हेडमास्‍टर की सांसें अटकी हुई है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि प्राथमिक व मध्य विद्यालय को विद्यालय विकास अनुदान और मरम्मत के लिए पीएफएमएस के माध्यम से राशि आवंटित की जाती है। इस राशि से विद्यालय के अति आवश्यक मद में खर्च की जाती है। वर्तमान में विद्यालय को ऑनलाइन राशि आवंटित हुई है। इस राशि को वेंडर के माध्यम से उनके बैंक खाता में भुगतान किया जाता है।

प्रवक्‍ता ने कहा कि वर्तमान में विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा रंग रोगन, मरम्मत, शौचालय सफाई आदि सहित आवश्यक संसाधन पर खर्च  किया गया। अब प्रखंड द्वारा पीएफएस के माध्यम से भुगतान नहीं किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि‍ इस मद में बैंक के पास राशि का अभाव है, जबकि विद्यालय की आईडी में राशि दिखाई दे रही है। प्रधानाध्यापक असमंजस में है।

श्री अहमद ने बताया कि जरूरत के अनुसार प्रधानाध्‍यापक ने काम करा लिया है। दुकान से सामग्री खरीद कर ली गई है। पेमेंट के लिए पोर्टल पर वाउचर को ऑनलाइन अपलोड भी कर दिया गया है। इसके बावजूद बिल पास नहीं किया जा रहा है। मजदूर प्रतिदिन की मजदूरी भुगतान के लिए तगादा हेडमास्टर से कर रहे हैं। इससे वे परेशान हैं। हर दूसरे दिन काम के एवज में पैसा मांगने विद्यालय आ जाते हैं। उनसे बचने के लिए हेडमास्टर छुट्टी में जा रहे हैं।

प्रवक्‍ता ने कहा कि शिक्षकों का कहना है कि‍ जल्द राशि की निकासी नहीं होने पर मार्च के बाद यह लैप्स कर जाती है। अंतिम समय में सर्वर डाउन भी हो जाता है। ऐसे में शिक्षक असमंजस में है कि क्या करें और ना करें, क्योंकि शिक्षकों द्वारा राशि खर्च कर दी गई है। विभाग भुगतान नहीं कर रहा है। प्रखंड के लेखा पदाधिकारी भी अफसरी दिखने में कमी नहीं कर रहे हैं। राशि भुगतान को लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखाते हैं। कमीशन के चक्‍कर में बिल को लटकाते हैं।

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