कानूनी सेवा यूनिट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन

झारखंड
Spread the love

  • प्रशिक्षण का उद्देश्य बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों को सहायता करना : गोपिका आनंद

रांची। मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं योजना-2024 के अंतर्गत डालसा में नवगठित कानूनी सेवा यूनिट के सदस्‍यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण का रांची व्यवहार न्यायालय के ट्रेनिंग हॉल में 10 दिसंबर को संपन्‍न हो गया। इस अवसर पर झालसा के उप-सचिव मनीष मिश्रा, एलएडीसीएस चीफ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, डालसा सचिव कमलेश बेहरा, दीपशिखा इंस्टीच्यूट ऑफ चाईल्ड डेवलपमेंट एंड मेंटल हेल्थ के प्रधानाध्यापिका, गोपिका आनंद, सदस्य, दशरथ कच्छप समेत अन्य उपस्थित थे।

प्रशिक्षण के दूसरे दिन झालसा के उप-सचिव मनीष मिश्रा ने कानूनी सेवा यूनिट के सभी सदस्यों को मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक रूप से अक्षमता वाले व्यक्तियों को कानूनी सेवाओं के प्रावधानों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने महिला संरक्षण गृह, कारागृह, बाल देखभाल संस्थानों और अन्य संस्थानों में दी जाने वाली कानूनी सेवाओं पर प्रकाश डाला।

इसके अतिरिक्‍त उन्होंने जेल में मिलने वाली कानूनी सेवाएं, तालुकाओं में मिलने वाली कानूनी सेवाएं की जानकारी दी। उन्होंने गृह भ्रमण के माध्यम से दी जानेवाली कानूनी सेवाओं की जानकारी दी। उपस्थित सदस्यों को उन्होंने सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में कानूनी सहायता के बारे में जानकारी दी। 

एलएडीसीएस चीफ प्रवीण कुमार श्रीवास्तवा ने नालसा के कार्यान्वयन के लिए कानूनी सेवा प्रदाताओं की भूमिकाएं और जिम्मेदारियों के बारे में विस्तार से बताया। 

दीपशिखा इंस्टीच्यूट ऑफ चाईल्ड डेवलपमेंट एंड मेंटल हेल्थ से आये प्रतिनिधियों ने मानसिक बीमारी एवं बौधिक अक्षमता के प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया। उनकी टीम ने बौद्धिक असक्षम व्यक्तियों के रोजगार, विशेष रूप से उनके व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार को सुविधाजनक बनाने एवं समर्थन देने के लिए, उनके लिए रियायती दरों पर ऋण के प्रावधान सहित योजनाएं और कार्यक्रम बनाने की जरूरत है। ऐसे व्यक्तियों को सभी मुख्यधारा की औपचारिक और अनौपचारिक व्यावसायिक एवं कौशल प्रशिक्षण योजनाओं व कार्यक्रमों में शामिल करना, जिसमें समर्थन और सुविधाओं का पर्याप्त प्रावधान हो। इस संबंध में सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए।

मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को विकासात्मक, बौद्धिक, बहु अक्षमता और ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के लिए विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जाने के बारे में विस्तार से बताया गया।

पैनल अधिवक्ता मध्यस्थ संजय कुमार शर्मा ने अन्य संस्थाओं, एनजीओ और एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर आउटरीच जागरुकता कार्यक्रम कर मानसिक बीमारी और बौद्धिक अक्षमतावाले लोगों को सहयोग पहुंचाने पर जोर दिया। पीएलवी के द्वारा लागातर लोगों के बीच में जागरुकता फैलाकर ऐसे लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में जानकारी देने को कहा।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्‍य खबरें पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमसे इस लिंक से जुड़े
https://chat.whatsapp.com/F5cUgceY6g88N3vxrwAvdX

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *