टाटा स्टील ने रचा इतिहास : भारत की पहली ऑल-वुमेन शिफ्ट की आयरन ओर माइन में हुई शुरुआत

मुंबई देश
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मुंबई। टाटा स्टील ने बाधाओं को तोड़ते हुए नोआमुंडी आयरन माइन में भारत की पहली ऑल-वुमेन शिफ्ट की शुरुआत कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। यह पहल कंपनी की समावेशी कार्यस्थल और पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान उद्योगों में महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस ऑल-वुमेन शिफ्ट में खनन की सभी प्रमुख गतिविधियों के लिए महिलाओं को शामिल किया गया है, जिनमें हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) संचालन, शोवल, लोडर, ड्रिल, डोज़र ऑपरेशन और शिफ्ट सुपरविजन जैसी ज़िम्मेदारियाँ शामिल हैं।

इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत श्याम सुंदर प्रसाद (डिप्टी डायरेक्टर जनरल, माइंस सेफ्टी, दक्षिण-पूर्व क्षेत्र, रांची, झारखंड) ने हरी झंडी दिखाकर की। यह कदम न केवल समतामूलक कार्यस्थल को बढ़ावा देता है, बल्कि महिलाओं को खनन उद्योग में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक नया अध्याय भी है।

श्री प्रसाद ने प्रगतिशील कार्यस्थल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि 2019 में खनन क्षेत्र में महिलाओं को सभी शिफ्ट्स में कार्य करने की अनुमति देने का डीजीएमएस का फैसला एक महत्वपूर्ण और सही दिशा में उठाया गया कदम था। उन्होंने टाटा स्टील की इस पहल की सराहना की, जो एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में ऐसी पहल में नेतृत्व कर रही है।

इस अवसर पर राकेश रमेश्वर मिश्रा (डायरेक्टर, माइंस सेफ्टी, चाईबासा) और सुधीर आर (डिप्टी डायरेक्टर, माइंस सेफ्टी, चाईबासा) भी उपस्थित थे।

डी बी सुंदरा रामम (वाइस प्रेसिडेंट, रॉ मटेरियल, टाटा स्टील) ने कहा, ‘यह ऑल-वुमेन शिफ्ट न केवल टाटा स्टील के लिए, बल्कि भारतीय खनन उद्योग के लिए भी एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह महिलाओं की दृढ़ता और उनकी क्षमताओं का प्रमाण है, जो पारंपरिक सोच को तोड़ रही हैं। यह हमारी इस सोच को भी दर्शाता है कि विविधता और समावेशन नवाचार और उत्कृष्टता के लिए आवश्यक हैं। हमें इस बदलाव का नेतृत्व करने पर गर्व है। हम विशेष रूप से खनन क्षेत्र में महिलाओं के लिए और अधिक अवसर सृजित करते रहेंगे। यह पहल नोआमुंडी में खनन के गौरवशाली 100 वर्षों में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है।’

“तेजस्विनी 2.0” कार्यक्रम, जो 2021 में शुरू किया गया, के तहत आसपास के समुदायों की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए गहन प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें हेवी अर्थ मूविंग मशीनरी (एचईएमएम) ऑपरेटर के रूप में शामिल किया गया। इस पहल को अत्यधिक उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।

महिलाओं को डंपर, शोवल, डोज़र, ग्रेडर और ड्रिल ऑपरेटर जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में तैनात किया गया। कार्यबल में शामिल होने से पहले, उन्हें तकनीकी और संचालनात्मक कौशल, सिमुलेटर प्रशिक्षण, सुरक्षा प्रोटोकॉल और शारीरिक फिटनेस पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जो उनके आत्मविश्वास और क्षमता को और मजबूत करने में सहायक रहा।

“तेजस्विनी 2.0” की सफलता ने 2022 में “तेजस्विनी 2.1” कार्यक्रम की नींव रखी, जिसने 2100 से अधिक आवेदनों को आकर्षित किया, जिनमें से 24 ऑपरेटरों का चयन किया गया।

इस वर्ष की शुरुआत में, नोआमुंडी माइन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने कार्यबल में 9 ट्रांसजेंडर एचईएमएम ऑपरेटरों को शामिल किया, जिससे टाटा स्टील के समावेशन और समानता के प्रति उसकी मजबूत प्रतिबद्धता और स्पष्ट हुई। यह कदम कंपनी की विविधता और समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

टाटा स्टील को 2023 के वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के ग्लोबल डाइवर्सिटी, इक्विटी और इनक्लूजन लाइटहाउस से सम्मानित किया गया है, और हाल ही में इंडिया वर्कप्लेस इक्वलिटी इंडेक्स 2024 द्वारा लगातार चौथे वर्ष गोल्ड एम्प्लॉयर के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है, जो एलजीबीटी+ समावेशन के प्रति कंपनी की अडिग प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, टाटा स्टील ने अपने भारत कार्यबल में 20% विविधता हासिल की है।

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