सीएमपीडीआई में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक सम्पन्न

झारखंड
Spread the love

रांची। सीएमपीडीआई के कांफ्रेंस हॉल में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (उपक्रम)- नराकास, रांची की बैठक 23 दिसंबर को हुई। सीएमपीडीआई के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष नराकास (उपक्रम) मनोज कुमार ने इसकी अध्यक्षता की। इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/सीआरडी) शंकर नागाचारी, उप निदेशक (पूर्व क्षेत्र, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय) विचित्रसेन गुप्त और संस्थान के महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कडम्बार सहित रांची शहर स्थित लगभग 26 पीएसयू के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर श्री कुमार ने कहा कि नराकास की परिकल्पना एक ऐसे संयुक्त मंच के रूप में की गई है, जहां आपसी विचार विमर्श से राजभाषा कार्यान्वयन को गति दी जा सके। इसकी प्रगति के मार्ग में आने वाली बाधाओं को पारस्परिक प्रयासों से दूर किया जा सके। इसी बुनियादी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सीएमपीडीआई द्वारा नराकास की विविध गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। इन सभी गतिविधियों में सदस्य कार्यालयों की सहभागिता रहती है, जो निश्चित तौर पर प्रशंसनीय है।

श्री कुमार ने कहा कि नराकास की इन बैठकों में एक दूसरे से सुझाव लेकर प्रत्येक कार्यालय अपने स्तर पर इन पर अमल कर राजभाषा कार्यान्वयन को गति देते हैं। ऐसा ही एक सुझाव था कि नराकास वार्षिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत विजेता कार्यालयों द्वारा राजभाषा के बेहतर कार्यान्वयन के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें इस बैठक सभी सदस्य कार्यालयों के समक्ष प्रस्तुत करना। इस क्रम में नराकास वार्षिक पुरस्कार योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के विजेताओं द्वारा जो पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया। उससे सभी कार्यालय अपनी गतिविधियों का मूल्यांकन कर पाएंगे।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नराकास की पिछली बैठक में मूल पत्राचार की प्रतिशतता कम से कम 85 प्रतिशत और टिप्पणियों की प्रतिशतता 70 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। अधिकांश कार्यालयों ने इस लक्ष्य को प्राप्त किया है, जो कार्यालय अभी इस लक्ष्य तक नहीं पहुंचे हैं। उम्मीद है कि नराकास की आगामी बैठक से पूर्व इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

पिछली दो तिमाहियों की राजभाषा प्रगति रिपोर्ट में यह देखने में आया है कि कुछ कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम की धारा 3 (3) के अंतर्गत शत-प्रतिशत  कागजात द्विभाषी जारी नहीं किए गए हैं। इस बात का हमें खासा ध्यान रखना है कि धारा 3 (3) के अंतर्गत शत-प्रतिशत कागजात द्विभाषी जारी होने चाहिए।

बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में उपस्थित विचित्रसेन गुप्त ने भी राजभाषा कार्यान्वयन के संबंध में मूल्यवान सुझाव दिये। कार्यक्रम का संचालन सदस्य सचिव (नराकास) रास बिहारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासन) संजय कडम्बार ने दिया।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्‍य खबरें पढ़ सकते हैं।

आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल हिन्‍दी न्‍यूज पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।

हमसे इस लिंक से जुड़ें
https://chat.whatsapp.com/F5cUgceY6g88N3vxrwAvdX

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *