- स्कूल आईडी पहचान पत्र से छात्रों का आधार कार्ड बनाने की पहल करे शिक्षा विभाग
रांची। वन नेशन वन कार्ड के तहत झारखंड के सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में अध्यनरत सभी विद्यार्थियों का अपार आईडी कार्ड बनाया जा रहा है। इस आईडी में बच्चों का समस्त डाटा उपलब्ध होगा। इस काम को विद्यालय को सौ फीसदी पूर्ण करने को कहा गया है। हालांकि इसे बनाने में शिक्षकों को कई तकनीकी व अन्य समस्याएं आ रही है।
अपार कार्ड के बन जाने से एक क्लिक में बच्चों का समस्त शैक्षणिक डाटा मिल जाएगा। पढ़ाई की अवधि में एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण होने पर उसे किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। इसे कभी भी डीजी लॉकर से डाउनलोड किया जा सकता है। आईडी नंबर जारी होते ही यह स्वतः डिजीलॉकर में चला जाता है।
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि अपार आईडी बनाने के लिए बच्चों का आधार कार्ड होना जरूरी है। पिछले कई वर्ष से आधार कार्ड बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। कई बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन पाया है। जन्म प्रमाण पत्र बनाने में हजार से पंद्रह सौ की वसूली अभिभावकों से की जाती है। इस कारण गरीब व लाचार छात्रों का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। ऐसे में इन सभी बच्चों का अपार आईडी कार्ड बनना काफी मुश्किल है।
श्री अहमद ने कहा कि अपार बनाते समय बनाए गए कई आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट नहीं है। इसकी वजह से आईडी नंबर जारी नहीं हो पा रहा है। बच्चे विद्यालय से पास आउट होकर दूसरे विद्यालय में नामांकन लेते है। नये नामांकित विद्यालय परमानेंट एजुकेशन नम्बर (पेन) को अपने स्कूल में एक्टिव नहीं करते हैं। इसके कारण पूर्व के विद्यालय से आईडी बन नहीं सकता है। नये नामांकित विद्यालय उससे चाहकर भी बना नहीं सकता है।
श्री अहमद ने कहा कि यह समस्त कार्य भारत सरकार (केंद्र सरकार) की शैक्षणिक पोर्टल यू डायस में किया जा रहा है। इस कार्य के लिए विभाग का इतना दबाव है कि शिक्षक अपना अवकाश रद्द करके इसे पूरा करने में लगे हैं। हालांकि ज़ब तक इन त्रुटियों को दूर नहीं किया जायेगा, तब तक इसे पूर्ण करना असंभव है। सौ फीसदी पूर्ण करने के लिए सर्वप्रथम आधार आईडी कार्ड बनाने का कार्य करना होगा।
सुदूर गांव देहात वाले स्कूलों के छोटे बच्चों के पास आधार कार्ड बनाने के लिए महत्वपूर्ण दास्तावेज जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। अभिभावक इसमें रूचि नहीं लेते है। इसका एक ही आसान उपाय है कि विद्यालय द्वारा जारी पहचान पत्र के आधार पर आधार कार्ड बनाने का निर्देश जारी हो, तभी असहाय व गरीब छात्रों का आधार कार्ड सहित अपार कार्ड बनाया जा सकता है।
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