
नई दिल्ली। मणिपुर में हिंसा जारी है। बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस बीच मणिपुर की भाजपा सरकार से एनपीपी अलग हो गई है। इससे कांग्रेस को झटका लगा है।
मणिपुर में एनपीपी के 7 विधायक हैं। विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद एनपीपी ने वहां बनी भाजपा सरकार को समर्थन दिया था। ताजा घटना के बाद एनपीपी ने मणिपुर में भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
यह कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है, क्योंकि अब एनपीपी मणिपुर में मुख्य विपक्षी पार्टी बन जाएगी। कांग्रेस के पास सिर्फ 5 विधायक हैं, जबकि एनपीपी के पास 7 विधायक हैं।
मणिपुर में भाजपा के साथ अभी भी 46 विधायक हैं। ऐसे में एनपीपी के हटने के बाद भी सरकार को कोई खतरा नहीं है। मणिपुर में शांति सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक भी की।
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