- बीआईटी मेसरा में 17 गोल्ड मेडल सहित 2715 डिग्री प्रदान की गई
रांची। बीआईटी, मेसरा के जी.पी. बिरला ऑडिटोरियम में 34वां दीक्षांत समारोह का आयोजन 16 नवंबर, 2024 को किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विषयों से स्नातक करने वाले छात्रों की उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ संस्थान की 70वीं वर्षगांठ भी मनाई गई। दीक्षांत समारोह में इंजीनियरिंग, प्रबंधन, वास्तुकला, विज्ञान और फार्मेसी सहित विभिन्न विषयों के स्नातकों को सम्मानित किया गया। इस वर्ष संस्थान ने स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी सहित 2715 डिग्री प्रदान की। समारोह में 17 छात्रों को उनके क्षेत्रों में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झारखंड के राज्यपाल और संस्थान के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार थे। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित और पद्मभूषण एवं पद्मश्री से सम्मानित डॉ. बीएन सुरेश ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कुलाधिपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षा का समापन नहीं, बल्कि जीवन की एक नई शुरुआत है। यह आपके ज्ञान और संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आपकी डिग्री केवल एक प्रमाण-पत्र नहीं है, बल्कि यह संकल्प का प्रतीक है—अपने अर्जित ज्ञान और कौशल से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का, मानवता के उत्थान में योगदान देने काऔर राष्ट्र के विकास में अहम भूमिका निभाने का।
डॉ. सुरेश ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की सॉफ्ट लैंडिंग की ऐतिहासिक उपलब्धि के बारे में बताया। इस अभूतपूर्व उपलब्धि ने अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत किया।
डॉ. सुरेश ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के अनूठे दृष्टिकोण पर जोर दिया, जो राष्ट्रीय विकास के लिए उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाते हैं। ये अनुप्रयोग प्राकृतिक संसाधन सर्वेक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और कई अन्य क्षेत्रों सहित कई क्षेत्रों में फैले हुए हैं।
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सी.के. बिरला ने उद्योगों और समाजों को नया रूप देने में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया। इस विकसित परिदृश्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए, उन्होंने तकनीकी प्रगति को अपनाने के महत्व पर जोर दिया। एआई, डेटा साइंस और ऑटोमेशन जैसे अत्याधुनिक नवाचारों में महारत हासिल करना भविष्य की सफलता को आकार देने में महत्वपूर्ण होगा। सीखने के लिए आजीवन प्रतिबद्धता को बढ़ावा देकर, स्नातक वक्र से आगे रह सकते हैं।
कुलपति प्रोफेसर इंद्रनील मन्ना ने संस्थान की रिपोर्ट साझा की, जिसमें संस्थान द्वारा की गई नई पहलों, सुधारों और सामाजिक सेवाओं के बारे में बताया। उन्होंने कुल 30 नए शोध अनुदानों को मंजूरी दिलाकर शोध की संस्कृति को बढ़ावा देने और मजबूत करने में संस्थान की गहरी रुचि के बारे में बताया। उन्होंने संस्थान में नए उपकरण और प्रयोगशालाओं, संस्थान द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्तियों एवं संस्थान के प्रतिभाशाली संकायों व छात्रों की उल्लेखनीय उपलब्धियों के बारे में भी बात की।
संस्थान का 34वां दीक्षांत समारोह एक महत्वपूर्ण अवसर था, जिसमें स्नातक वर्ग की उपलब्धियों का सम्मान किया गया। छात्रों को उनकी शैक्षणिक प्रतिभा को मान्यता देते हुए 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इस समारोह में माता-पिता भी अपने बच्चों के साथ शामिल हुए। दीक्षांत समारोह के समापन पर स्नातकों ने उत्साह और पुरानी यादों का मिश्रण व्यक्त किया। संस्थान में बिताए समय के दौरान प्राप्त कौशल, ज्ञान और नैतिकता की मजबूत नींव से लैस होकर उन्होंने उत्सुकता से भविष्य को अपनाया। दुनिया पर अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार होने की बात कही।
संस्थान की बंटी डिग्री
- मेसरा मुख्य परिसर : 1,300 डिग्री
- पटना परिसर : 267 डिग्री
- देवघर परिसर : 146 डिग्री
- लालपुर परिसर : 481 डिग्री
- नोएडा परिसर : 149 डिग्री
- जयपुर परिसर : 195 डिग्री
- यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक, मेसरा : 177 डिग्री
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