- केज कल्चर और मोती उत्पादन की विधियों से अवगत हुए हजारों लोग
रांची। भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईएफटी-2024) के झारखंड पवेलियन में लगे मत्स्य निदेशालय के स्टॉल पर गुरुवार को झारखंड के कृषि विभाग के निदेशक डॉ. ताराचंद पहुंचे। उन्होंने मत्स्य विभाग की केज कल्चर योजना की सराहना की। साथ ही मछलियों के मूल्य संवर्धन उत्पाद के बारे में विशेष रूचि ली।
डॉ ताराचंद ने कहा कि झारखंड मत्स्य पालन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा आरएएस, बायोफ्लाक तकनीक के क्रियान्वयन में भी सराहनीय प्रयास किये गये हैं। उन्होंने कहा कि रंगीन मछलीपालन और मोती पालन राइजिंग इंडस्ट्री के रूप में उभर रहा है।

डॉ. ताराचंद ने मछली पालन से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर उप मत्स्य निदेशक अमरेंद्र कुमार, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी रणविजय कुमार, प्रगतिशील मोती पालक बुधन सिंह पूर्ति, आशीष तिर्की, डाटा मैनेजर, सुश्री सांभवी मिश्रा, शुभ पल्लव भट्ट, छात्र माति्स्यकी महाविद्यालय, गुमला सहित अन्य उपस्थित थे।
स्टॉल को मिला तृतीय पुरस्कार
आईआईएफटी-2024 के झारखंड पवेलियन में लगे मत्स्य निदेशालय के स्टॉल को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के पवेलियन निदेशक द्वारा मत्स्य निदेशालय के स्टॉल को पुरस्कृत किया गया। विभाग द्वारा स्टॉल की उत्कृष्ट साज-सज्जा और विभागीय योजनाओं को बेहतरीन तरीके से प्रदर्शित कर दर्शकों को आकर्षित करने के लिए यह सम्मान दिया गया। मत्स्य निदेशालय के उप मत्स्य निदेशक अमरेन्द्र कुमार ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। साथ में मुख्य अनुदेशक (मत्स्य किसान प्रशिक्षण केन्द्र, रांची) प्रशांत कुमार दीपक और लातेहार के मत्स्य प्रसार पदाधिकारी रणविजय कुमार उपस्थित थे।
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