अनिल बेदाग
मुंबई। खलनायक, चरित्र अभिनेता और अब गायक। पर्दे की तस्वीर लगातार बदल रही है। समय का चक्र ऐसा चला कि जिस अभिनेता ने अपनी खलनायकी से नायक की दुनिया में बार-बार रंग में भंग डाला, वही खलनायक विविध किरदारों में अपनी दमदार परफॉर्मेंस देते हुए अचानक सुरों की दुनिया में उतर आया। हैरान कर देने वाला यह कारनामा कर दिखाया है अभिनेता आशीष विद्यार्थी ने।
श्रोता हैरान हैं कि पर्दे पर नफरत और दहशत फैलाने वाला अभिनेता एकाएक रैपर कैसे बन गया। उन्होंने अपने पहले ही रैप सांग ‘तानाशाही’ से सनसनी फैला दी है। यह रैप सांग यू—ट्यूब चैनल आशीष विद्यार्थी एक्टर व्लॉग्स पर लांच किया गया है। उनकी आवाज़, जो पहले डराने का काम करती थी, अब श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर रही है।
पर्दे पर नफरत और दहशत का चेहरा बनकर पहचान बनाने वाला यह अभिनेता माइक थामकर रैप सांग की दुनिया में धमाल मचा रहा है। ‘तानाशाही’ गाने में उन्होंने एक मोटीवेशनल अप्रोच दिखाई है। गाने की लाइनों में धार है और म्यूजिक में दम। इस रैप को कंपोज़ किया है बॉलीवुड में उभरते हुए कंपोजर्स ब्रदर्स मैक—मल्लार ने। मल्लार करमाकर ने इस रैप में अशीष विद्यार्थी के साथ अपनी आवाज़ भी दी है।
विद्यार्थी की आवाज़ की पॉवर इस रैप में साफ महसूस की जा सकती है। रैप के बोल लिखे हैं मुंबई की अनामिका गौड़ व संदीप गौड़ ने। तानाशाही जैसे फ्रेश शब्दों के इस्तेमाल ने इस रैप को नई जेनरेशन के टेस्ट का बना दिया है। तेरी मर्जियों पे क्यों दुनिया करे तानाशाही…ये लाइन एक फिलासफी को दर्शाती है और फायर पैदा करती है कि ज़िंदगी को अपने हिसाब से जीना चाहिए। अनामिका गौड़ और संदीप गौड़ के पहले भी बॉलीवुड की फिल्मों में गाने आ चुके हैं।
गौरतलब है कि आशीष विद्यार्थी ने अभिनय जगत में अपनी पहचान खलनायक के रूप में बनाई थी। उनकी गहरी आवाज़, खतरनाक हाव-भाव, और नकारात्मक किरदारों की बारीकी से समझ ने उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावी खलनायकों में शुमार किया। लेकिन समय के साथ, उन्होंने खुद को सिर्फ खलनायक की छवि तक सीमित नहीं रखा। वह धीरे-धीरे एक बहुआयामी अभिनेता बनकर उभरे। ‘द्रोहकाल’, ‘इस रात की सुबह नहीं’, और ‘राजनीति’ जैसी फिल्मों में उनके विविध और सशक्त अभिनय ने दर्शकों और आलोचकों को प्रभावित किया।
ये है वीडियो
आशीष का पहला रैप सांग ‘तानाशाही’ न केवल युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया है, बल्कि यह उनकी प्रतिभा की विविधता को भी दर्शाता है। रैप सांग में उनके बोल सिर्फ मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के ताने-बाने को छूते हैं। उन्होंने अपने संगीत के जरिए आज के युवाओं से जुड़ने की कोशिश की है। उनके बोलों में संघर्ष, सपने और जिंदगी का फलसफा गूंजता है, जो हर वर्ग को अपनी ओर खींचता है।
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