उग्रवाद के खिलाफ सेना का साथ देना पड़ा बेहद महंगा, 600 लोगों को गोली मारकर हत्या, मची चीख पुकार

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अफ्रीका। दिल दहला देने वाली खबर पश्चिमी अफ्रीका के बुर्किना फासो के बरसालोघो शहर से सामने आई है, जहां अगस्त में अलकायदा से जुड़े सदस्यों द्वारा किए गए हमले में कुछ ही घंटों के भीतर लगभग 600 लोगों की मौत हो गई थी।

मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं थीं। 24 अगस्त को खाई खोदने के दौरान बरसालोघे के निवासियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह पश्चिमी देश के इतिहास में सबसे भयानक हमलों में से एक था।  दरअसल, अल-कायदा ने उग्रवाद के खिलाफ सेना का समर्थन न करने की चेतावनी दी थी।

माली के अल कायदा से संबंधित और बुर्किना फासो में सक्रिय जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल-मुस्लिमीन (जेएनआईएम) के सदस्यों ने बाइक पर बारसालोघो के बाहरी इलाके में घुसते ही ग्रामीणों को गोली मार दी। संयुक्त राष्ट्र ने लगभग 200 लोगों की मौत का अनुमान लगाया था, लेकिन जेएनआईएम ने दावा किया कि उन्होंने 300 लड़ाकों को मार गिराया। फ्रांसीसी सरकार ने शुक्रवार को सुरक्षा आकलन का हवाला देते हुए 600 लोगों की मौत की पुष्टि की। 

प्रत्यक्षदर्शी ने सुनाई आपबीती

एक व्यक्ति ने इस हमले को लेकर मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि वह उन लोगों में शामिल था, जिन्हें सेना ने खाई खोदने के लिए कहा था। व्यक्ति ने बताया कि वह सुबह के 11 बजे जब उसने पहली बार गोली की आवाज सुनी, तो वह शहर से चार किमी दूर था।

उन्होंने कहा, “मैं बचने के लिए खाई में रेंगने लगा। ऐसा लग रहा था कि हमलावर खाई का पीछा कर रहे थे, इसलिए मैं खाई से बाहर निकला और खून से लथपथ पीड़ित के पास आया। दरअसल, उस समय हर जगह खून ही खून था। हर जगह से चीखने की आवाजें आ रही थीं। मैं झाड़ियों में पेट के बल लेट गया। मैं दोपहर तक वहां छिपा रहा।”

इस हमले में अपने दो सदस्यों को खोने वाले पीड़ित ने बताया कि जेएनआईएम ने सभी को मार डाला। उन्होंने कहा, “तीन दिनों तक हम शव एकत्रित करते रहे। हर जगह चीख पुकार मची हुई थी। हम डरे हुए थे। जमीन पर इतने सारे शव पड़े थे कि उन्हें दफनाना मुश्किल था।”

स्थानीय लोगों को सेना द्वारा शहर के चारों ओर एक विशाल खाई खोदने का आदेश दिया गया था, जिससे कि उन्हें जिहादियों से बचाया जा सके। जेएनआईएम ने नागरिकों को उग्रवाद के खिलाफ सेना का समर्थन न करने की चेतावनी दी थी। बता दें कि 2015 के संघर्ष के बाद से बुर्किना फासो में 20,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि करीब 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।