गोमिया : मैदान में उतरेंगे कई प्रत्‍याशी, पर मुकाबला महतो बनाम महतो में ही

झारखंड राजनीति
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प्रशांत अंबष्‍ठ

गोमिया (बोकारो)। झारखंड में विधानसभा चुनाव का बि‍गुल फूंका जा चुका है। राज्‍य के चर्चित सीटों में एक गोमिया विधानसभा भी है। यहां से इस बार भी कई पार्टी के प्रत्‍याशी मैदान में होंगे। आजसू प्रत्याशी डॉ लंबोदर महतो 24 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के योगेन्द्र प्रसाद महतो 25 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। नामांकन के बाद ही ये शक्ति प्रदर्शन भी करेंगे। उसके आधार पर क्षेत्र एवं विधानसभा में नए समीकरण और नए रुझान आने के असर हैं।

वोटरों की स्थिति

गोमिया विधानसभा में मतदाताओं की संख्या : 310343,  इनमें 158511 पुरुष, 151831 महिला वोटर हैं।

ये हैं प्रमुख जातियां

गोमिया विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख जातियों में सबसे ज्यादा महतो वोटर हैं। इनकी संख्या 60213 यानी कुल वोटरों का 21. 9 प्रतिशत है। दूसरे नंबर पर मुस्लिम 37667 यानी 13.7 प्रतिशत है। तीसरे मंबर पर मांझी 27769 हैं। कुल वोटरों की संख्या में मांझी 10.1 प्रतिशत हैं। इनके अलावा राजपूत वोटर, 10448, यादव 7000, प्रसाद 8500, रविदास 7150 सहित अन्य जातियां हैं।

दल के प्रमुख उम्मीदवार

यहां एनडीए और इंडी गठबंधन के साथ नई पार्टी जेएलकेएम चुनावी मैदान हैं। इनमें एनडीए गठबंधन से आजसू प्रत्याशी डॉ लंबोदर महतो तीसरी बार चुनावी मैदान हैं। इंडी गठबंधन से जेएमएम प्रत्याशी योगेंद्र प्रसाद महतो चुनावी मैदान में हैं। डॉ लंबोदर महतो को टिकट मिल चुका है। झामुमो में टिकट को लेकर मात्र ऑपचारिकता रह गई है। जेएलकेएम ने अभी तक किसी प्रत्याशी के नाम पर आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी है।

उम्मीदवार की पृष्ठभूमि

आजसू प्रत्याशी डॉ लंबोदर महतो तीसरी बार चुनाव लड़ हैं। पहली बार वे 2018 गोमिया विधानसभा उपचुनाव में बबीता देवी से 1341 वोट से हार गए थे। वहीं 2019 विधानसभा चुनाव में उन्होंने बबीता देवी को 10937 वोट से हराकर जीत दर्ज की थी। झामुमो प्रत्याशी योगेंद्र महतो की बात करें तो वे गोमिया की पूर्व विधायक बबीता देवी के पति हैं। वे 2014 में वे गोमिया से विधायक भी रह चुके हैं। एक मामले में उन्हें सजा हुई थी। इसके बाद पांच साल चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग गया। सजा के बाद हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी बबीता देवी ने जीत दर्ज की थी। वहीं डॉ लंबोदर महतो की बात करें तो वर्तमान गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी जब झारखंड के पूर्व जनसंसाधन मंत्री थे, तब उनके आप्त सचिव के रूप में कार्यरत थे।

उनका आधार स्थान

डॉ लंबोदर महतो गोमिया विधानसभा अंतर्गत कसमार प्रखंड के निवासी हैं। गोमिया सहित पेटरवार में भी मकान बना रखा है। योगेंद्र महतो रामगढ़ जिले के चिरपुर मोरबंदा गांव के के निवासी हैं। पेटरवार में मकान बना रखा है।

उनका मजबूत क्षेत्र

लंबोदर महतो का मजबूत क्षेत्र गोमिया शहरी व पेटरवार शहरी क्षेत्र है। कसमार में दोनों प्रत्याशियों का कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। योगेंद्र महतो गोमिया ग्रामीण, पेटरवार ग्रामीण, कसमार क्षेत्र में काफी मजबूत स्थिति में है। गोमिया शहरी क्षेत्र में 18 पंचायतों में योगेंद्र महतो अपना प्रभाव बढ़ाते दिखाई पड़ रहे हैं।  इन 18 पंचायतों में जहां पहले काफ़ी खराब प्रदर्शन रहता था, वहीं, झामुमो की इस बार की स्थिति काफ़ी बदली नजर आ रही हैं। जनता का झुकाव झामुमो के साथ दिखाई पड़ता हैं।

ये है कमजोर क्षेत्र

आजसू के वर्तमान विधायक लंबोदर महतो का कमजोर क्षेत्र गोमिया व पेटरवार के ग्रामीण इलाके हैं। योगेंद्र महतो का शहरी क्षेत्र कमजोर क्षेत्र में आता है। 

ताकत और कमजोरी

आजसू के लंबोदर महतो की ताकत उनके महतो वोटर हैं। शहरी क्षेत्रों के भाजपा के कोर वोटर भी आजसू को ही वोट करते हैं। उनकी कमजोरी पांच साल की एंटी इंकबेंसी है। आजसू के कुछ बड़े कार्यकर्ता पार्टी छोड़ चुके हैं।

योगेंद्र महतो की ताकत की बात करें तो इंडी गठबंधन में होने के कारण उन्हें मुस्लिम वोटरों का साथ मिलेगा। वहीं जेएमएम उम्मीदवार को आदिवासी वोट भी प्राप्त होगा। कमजोरी में बाहरी वोटर का भरोसा झामुमो पर नहीं होना है।

जनता में छवि

योगेंद्र महतो जनता के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं। वे दबंग नेता के रूप में जाने जाते हैं। लगभग सभी समुदाय के बीच उनकी पकड़ अच्छी है। वहीं लंबोदर महतो मृदु भाषी और सरल नेता के तौर पर जाने जाते हैं। प्राय: किसी के दुख सुख में वे ससमय पहुंचते हैं। मदद करने का प्रयास करते हैं।

दृश्यता (पोस्टर/सोशल मीडिया)

योगेंद्र महतो की आईटी-सेल काफी मजबूत हैं। इनका निजी आईटी सेल क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। लगभग हर सोशल मीडिया पर लगातार इनका पोस्ट डाली जा रही है। वहीं लंबादर महतो इस मामले में कमजोर दिखाई पड़ रहे हैं।

अपने आवासीय कार्यालय में प्राय: दोनों नेता जनता दरबार लगाते हैं। जनता की समस्याओं को सुनकर उसे दूर करने का प्रयास करते हैं।

क्षेत्र में कार्य किया गया

लंबोदर महतो ने ग्रामीण क्षेत्रों में पुल-पुलिया, सड़क और सोलर लाइट पर अच्छा काम किया है। हर घर जल योजना जनता तक नहीं पहुंच पाई है। इसके लिए लंबोदर महतो झामुमो सरकार को ही जिम्मेवार ठहराते हैं।

सामाजिक/सांस्कृतिक भागीदारी

दोनों प्रत्याशी हर सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेते रहते हैं। वहीं आयोजकों को आर्थिक रूप से मदद भी करते हैं।

इनके चुनाव लड़ने की चर्चा

गुणानंद महतो : कसमार निवासी गुणानंद महतो पहले आजसू में थे। उसके बाद भाजपा में चले गए थे। फिलहाल ये जेएलकेएम में हैं। अगर इन्हें टिकट नहीं मिलता तो ये निर्दलीय चुनाव लड़ेगें।

प्रकाश लाल सिंह : ये गोमिया के दिग्गज नेता और पूर्व विधायक माधवलाल सिंह के बेटे हैं। इस बार इनके  निर्दलीय चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है। ये चुनाव लड़ते हैं तो पिता के कोर वोटरों का भी साथ मिलेगा।

चितरंजन साव : चितरंजन साव बोकारो जिला परिषद अध्यक्ष सुनिता देवी के पति हैं। इस बार वे भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। ये ललपनिया क्षेत्र में प्रभावी हैं।

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